सारा कामकाज मराठीभाषा में करना चाहती है ठाकरे सरकार, राजभाषा कानून में संशोधन की तैयारी 

Thackeray government wants to do all the work in Marathi language
सारा कामकाज मराठीभाषा में करना चाहती है ठाकरे सरकार, राजभाषा कानून में संशोधन की तैयारी 
सारा कामकाज मराठीभाषा में करना चाहती है ठाकरे सरकार, राजभाषा कानून में संशोधन की तैयारी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के प्रशासकीय कामकाज में मराठी भाषा के अधिक से अधिक इस्तेमाल के लिए राज्य सरकार अब 55 साल पुराने महाराष्ट्र राजभाषा कानून में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। जल्द ही इस आशय से संबंधित प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा। दरअसल मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिलाने के लिए कामकाज में इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होना ज़रुरी है। पिछली सरकार ने भी प्रशासकीय कामकाज में मराठी भाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया था। मौजूदा सरकार भी इस दिशा में प्रयत्नशील दिख रही है। इस संबंध में परिपत्र भी जारी किया गया है। पर इसका आपेक्षित असर नहीं दिख रहा है। नतीजा महाराष्ट्र की राजभाषा मराठी  के इस्तेमाल की बात सिर्फ कागज तक ही सीमित रह गई है। 

जिस तरह से मराठी का इस्तेमाल प्रशासकीय कामकाज में होना चाहिए था वैसा नहीं हुआ। सरकार के कई महामंडलों का कामकाज अभी भी अंग्रेजी में हो रहा है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने  राजभाषा कानून में बदलाव के संकेत दिए हैं। सरकार के इस कदम से राजस्व विभाग के निर्णय व दस्तावेज मराठी में तैयार किए जाएंगे।अर्ध न्यायिक निकाय के निर्णय मराठी में दिए जाएंगे।  महामंडलों का काम भी मराठी में करने का प्रावधान होगा। शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे ने बुधवार को ट्विट कर कहा कि मराठी भाषा के लिए 55 साल पुराने कानून में बदलाव किया जाएगा। 
 

Created On :   16 Sep 2020 3:07 PM GMT

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