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कार्बाइड की जगह एथेनॉल से फल पकाने प्रशासन ने दी अनुमति, कहा- स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आम, केला, पपीता को पकाने के लिए कार्बाइड का उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसकी जगह अब एथेनॉल का उपयोग किया जा रहा है। अन्न व औषधि प्रशासन ने एथेनॉल से पकाए गए फलों को स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित बताया है।
चीन से किया जा रहा आयात
फल पकाने के लिए कार्बाइड का उपयोग करने से इसमें मौजूद विविध पोषक तत्व नष्ट होकर स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करते हैं। कार्बाइड से पकाए गए फलों का सेवन करने से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा अधिक रहता है, परंतु एथेनॉल की कीमत अधिक रहने से चोरी-छिपे कार्बाइड का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा था। अब चीन से एथेनॉल का भारत में आयात शुरू हुअा है। चीन से आयातित एथेनॉल कम कीमत में मिलने से फल पकाने के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है। अन्न व औषधि प्रशासन का कहना है कि एथेनॉल से पकाए गए फल में मानवी शरीर के लिए किसी भी प्रकार के घातक घटक नहीं मिलने से इसे प्रयोग करने के लिए अनुमति दी गई है।
कार्बाइड से कैंसर का खतरा
कैल्शियम कार्बाइड को आमतौर पर मसाला नाम से जाना जाता है। इसका रासायनिक फार्मूला CaC2 है। इसका इस्तेमाल एसिटिलीन के स्रोत के तौर पर ब्लोटार्च और वेल्डिंग आदि के कार्यों के लिए किया जाता है। पानी के संपर्क में आकर कैल्शियम कार्बाइड एसिटिलीन गैस का निर्माण करता है, जो कि आम को पकाने के लिए कारगर होती है। कैल्शियम कार्बाइड में अतिसूक्ष्म मात्रा में आर्सेनिक और फास्फोरस हाईड्राइड पाए जाते हैं, जो कैंसर कारक हैं। फल पकाने के िलए इसका उपयोग करने पर भारत सरकार ने सन् 1952 में ही पाबंदी लगा दी थी।
नमूने लेकर जांच करवाई
एथेनॉल से पकाए गए फल स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हैं। इसका उपयोग करने के लिए सरकार की अनुमति है। अन्न व औषधि प्रशासन द्वारा हाल ही में संयुक्त मुहिम चलाकर फल की दुकानों की जांच की गई। नमूने लेकर जांच भी करवाई गई। सभी दुकानों में एथेनॉल से पकाए फल पाए गए।
मिलिंद देशपांडे, वरिष्ठ अधिकारी, अन्न व औषधि प्रशासन
Created On :   14 Jun 2018 2:43 PM IST