खनिजों के अवैध खनन पर हाईकोर्ट सख्त, तीन सप्ताह में मांगी रिपोर्ट

the Bombay HC took a tough stand on the illegal mining
खनिजों के अवैध खनन पर हाईकोर्ट सख्त, तीन सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
खनिजों के अवैध खनन पर हाईकोर्ट सख्त, तीन सप्ताह में मांगी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने खनिजों के अवैध खनन के मुद्दे को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने रत्नागिरी के कलेक्टर को खुद अवैध खनन के आरोपों की सत्यता का पता लगाने को कहा है और अगली सुनवाई के दौरान अदालत में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इससे पहले रत्नागिरी के इलाके में खनन कार्य से जड़े एक कारोबारी ने खनन अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर दावा किया कि इलाके में अवैध रुप से खनिजों का खनन नहीं किया जाता है। खनन कार्य नियमों के अनुसार हो रहा है। 

सत्यता का पता लगाने के कलेक्टर को आदेश

इस मामले में मुख्य न्यायाधीश मंजूला चिल्लूर व न्यायमूर्ति नितिन जामदार की खंडपीठ ने कहा कि हम एक खनन अधिकारी की रिपोर्ट को विश्वसनीय नहीं मान सकते है। इसलिए हम चाहते है कि रत्नागिरी के कलेक्टर खुद जाकर इस बात की सत्यता का पता लगाए कि जिस जगह पर कारोबारी ने अवैध खनन न होने का दावा किया है, वहां पर खनन की क्या स्थिति है। 

जनहित याचिका दायर

हाईकोर्ट में सिंधुदुर्ग इलाके में अवैध खनन के दावे को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने रत्नागिरी जिले की एक जगह पर खनन पर रोक लगा दी थी। इससे प्रभावित एक कारोबारी ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया है। जिसमें उसने खनन अधिकारी की रिपोर्ट लगाकर कहा है कि जिस जगह पर खनन पर रोक लगाई गई थी वहां पर अवैध खनन नहीं हो रहा है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि रत्नागिरी के कलेक्टर खुद इस बात का पता लगाए कि इलाके में अवैध रुप से खनन हो रहा है कि नही और इसकी रिपोर्ट तीन सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट में दायर करे।

Created On :   25 Oct 2017 4:19 PM GMT

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