रिटर्न नहीं भरने वालों के खिलाफ छेड़ी मुहिम, जीएसटी लागू होने के बाद 12 प्र.श. बढ़ा राजस्व

The campaign against the people who did not file the returns
रिटर्न नहीं भरने वालों के खिलाफ छेड़ी मुहिम, जीएसटी लागू होने के बाद 12 प्र.श. बढ़ा राजस्व
रिटर्न नहीं भरने वालों के खिलाफ छेड़ी मुहिम, जीएसटी लागू होने के बाद 12 प्र.श. बढ़ा राजस्व

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) विभाग की नजर उन 5804 व्यापारियों पर है, जिन्होंने तय समय में अपना विवरण पत्र (रिटर्न) पेश नहीं किया। विभाग इनसे ब्याज सहित तय कर वसूल करेगा। विभाग ने इसके लिए विशेष अभियान छेड़ दिया है, जो 6 जुलाई तक चलेगा। GST लागू होने के बाद विभाग के राजस्व में पहले ही साल 12 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई है। 

3-B भी भरवाया जाएगा 
अधिकांश व्यापारियों ने GST आर-1 रिटर्न भरा है। 3-B रिटर्न नहीं भरनेवाले व्यापारियों से ये भरवाकर लिया जाएगा। 3-B नहीं भरने से राजस्व की पूरी वसूली नहीं हो सकी। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद राजस्व में आैर वृद्धि होगी। 

1 जुलाई को विभाग मनाएगा GST दिन 
1 जुलाई 2017 को GST लागू हुआ था। 1 जुलाई को एक साल पूरा होने पर विभाग की तरफ से सिविल लाइन्स स्थित मुख्यालय में कार्यक्रम रखा गया है। अधिकारी-कर्मचारी मिलकर GST दिन मनाएंगे। GST के विशेषत: व उपलब्धियां बताई जाएंगी। GST दिन जोर-शोर से मनाने के बारे में सरकार से भी हरी झंडी मिल चुकी है।  GST दिन पर किन बातों व विषयों पर फोकस किया जाएगा, इसकी सूची तैयार की जा रही है।

ई-वे बिल के ड्राइव से 11 लाख से ज्यादा की वसूली 
एक राज्य से दूसरे राज्य में 50 हजार से ज्यादा का माल ले जाने पर ई-वे बिल अनिवार्य होने की प्रक्रिया राज्य में 1 अप्रैल 2018 से लागू हुई। इसी तरह महाराष्ट्र के भीतर ही 50 हजार का माल 50 किमी से दूर ले जाने पर ई-वे बिल की अनिवार्यता 25 मई से लागू हुई। इसके बाद वस्तु व सेवा कर विभाग ने दो ड्राइव चलाए। बिना ई-वे बिल के माल ले जानेवालों से टैक्स व पेनाल्टी के रूप में 11 लाख 65 हजार रुपए की वसूली की गई। 

वस्तु व सेवा कर नागपुर विभाग के तहत 60 हजार से ज्यादा कारोबारी पंजीकृत हैं, जिनमें से 5804 व्यापारियों ने विवरण-पत्र पेश नहीं किए। इन व्यापारियों ने अलग-अलग प्रकार के विवरण पत्र (रिटर्न) पेश नहीं किए। विभाग इनसे करीब 55 हजार रिटर्न भरवाएगा आैर इसके साथ ही ब्याज भी वसूलेगा। ब्याज कुल देय रकम पर वसूला जाएगा। इसके अलावा विलंब शुल्क भी जमा करना पड़ेगा। समय पर रिटर्न जमा नहीं करने से विभाग के राजस्व में कमी तो आई, लेकिन इसके बावजूद इस साल राजस्व में 12 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई है। GST लागू होने के बाद से हर जिले व डिविजन (विभाग) का राजस्व स्वतंत्र रूप से पेश नहीं किया जा रहा, लेकिन राज्य का राजस्व का टारगेट 1 लाख 8 हजार करोड़ का था आैर टारगेट से ज्यादा राजस्व की प्राप्ति हुई है। साल 2016-17 में राजस्व प्राप्ति का टारगेट 92 हजार करोड़ था। 

रिटर्न नहीं भरनेवालों पर विशेष नजर 
नागपुर विभाग में 5804 व्यापारियों ने विविध प्रकार के रिटर्न पेश नहीं किए। इनसे 6 जुलाई तक करीब 55 हजार रिटर्न भरवाए जाएंगे। इसी तरह 3-B रिटर्न भी भरवाए जाएंगे। इनसे विलंब शुल्क व देय राशि पर ब्याज की वसूली की जाएगी। रिटर्न जमा होने के बाद राजस्व में आैर वृद्धि संभव है। टारगेट से ज्यादा राजस्व की वसूली हुई है। GST का पहला साल होने से व्यापारियों पर सख्त एक्शन नहीं ली गई। पहले साल व्यापारियों को नियम, कानून समझाने व मार्गदर्शन करने पर जोर रहा। कार्यशाला लेकर व्यापारियों को मार्गदर्शन किया गया। अब समय पर रिटर्न नहीं भरनेवालों पर कार्रवाई होगी। ई-वे बिल पर भी ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए स्पेशल ड्राइव चलेंगे। 
{पी. के. अग्रवाल, सह आयुक्त वस्तु व सेवा कर विभाग (महाराष्ट्र राज्य) नागपुर. 

Created On :   30 Jun 2018 12:13 PM GMT

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