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पौने 2 करोड़ खर्च कर बना स्पेशल वार्ड, फिर भी मेडिकल अस्पताल में संसाधनों का टोटा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए स्वास्थ्य महकमा कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उपराजधानी के मेडिकल अस्पलात में सही ढंग से आईसोलेशन वार्ड तक मौजूद नहीं है। नतीजतन मरीजों का इलाज वार्ड नंबर 25 के बगल वाले कमरे में किया जा रहा है। जब्कि इसी अस्पताल में करीब पौने 2 करोड़ रुपए खर्च कर मरीजो के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया था। जिसे बनाने में तय समय से दोगुना वक्त लगा था।
इलाज के लिए जरूरी संसाधनों की कमी
जैसे तैसे कर आईसोलेशन वार्ड बनकर तैयार हुआ, लेकिन वहां भी इलाज के लिए जरूरी संसाधनों का टोटा बना रहा। लिहाजा वहां दूसरे मरीजों का इलाज शुरु हो गया। जिसके चलते वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ गई और स्वाइन फ्लू के तीन मरीजों का इलाज स्पेशल वार्ड से सटे दूसरे वार्ड में किया जा रहा है। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, अस्पताल में बिस्तर की कमी के चलते अब और मरीजों को नहीं लिया जा रहा।
इसके अलावा मरीजों को वेंटीलेटर न मिलने की शिकायत पर मेडिसिन विभाग प्रमुख ने अधिष्ठाता को पत्र लिखकर कहा कि वर्तमान में उनके पास 2 ही वेंटीलेटर हैं। जब्कि 3 अतिरिक्त वेंटीलेटर की जरूरत है। उधर विभाग प्रमुख डॉ.वी. बन्सोड से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए बना आईसोलेशन वार्ड दूसरे मरीजों से जल्द खाली करा लिया जाएगा।
संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी
नागपुर सर्कल में जनवरी से अब तक 204 मरीजों को स्वाइन फ्लू संक्रमित पाया गया। जब्कि 53 की मौत हो चुकी है। पिछले दिनो धंतोली के निजी अस्पताल में भंडारा निवासी ईश्वरलाल देशमुख (52) ने दम तोड़ दिया था।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले
वहीं यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में अगस्त 2017 तक एच1 एन1 के 25,864 मामले सामने आए थे, तो अकेले महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 4,456 मामले दर्ज किए गए। साथ ही 467 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत होने की जानकारी मिली है।
Created On :   7 Sept 2017 10:57 PM IST