संभावित तीसरे मोर्चे से आशंकित है कांग्रेस, चल रहा है बैठकों का दौर

The Congress is Apprehensive with the prospective third front
संभावित तीसरे मोर्चे से आशंकित है कांग्रेस, चल रहा है बैठकों का दौर
संभावित तीसरे मोर्चे से आशंकित है कांग्रेस, चल रहा है बैठकों का दौर

अजीत कुमार, नई दिल्ली। भाजपा के खिलाफ विपक्षी गोलबंदी मजबूत करने के लिए मंगलवार को राकांपा सुप्रीमों शरद पवार के घर विपक्ष के नेताओं का जमघट लगने वाला है। इस बैठक में कुछ ऐसे दलों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है जो अब तक विपक्ष की बैठकों से दूर रहे हैं। लेकिन इस कवायद ने प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के कान खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस इस बात से आशंकित है कि विपक्षी एकता के नाम पर होने वाली ऐसी बैठकों में कहीं गैर-कांग्रेसी तीसरे मोर्चे का बीजारोपण न हो जाए।

पवार-ममता की सक्रियता से हलाकान कांग्रेस नेतृत्व 
सूत्र बताते हैं कि पवार की पहल पर हो रही इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आन्ध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू सहित कई नेता शिरकत करेंगे। चूंकि ममता तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी राव के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद में पहले से जुटी हैं। ऐसे में कांग्रेस विरोध की राजनीति करने वाले नायडू के साथ आने से इस मिशन में जुटे नेताओं को और बल मिलेगा। कांग्रेस यह सोंचकर परेशान है कि इस खेल में कहीं शरद पवार भी शामिल न हो जाएं। हालांकि मराठा क्षत्रप अब तक भाजपा के खिलाफ सिर्फ एक मोर्चा बनाने के पक्ष में रहे हैं। कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि पवार और ममता को यदि कांग्रेस के बिना तीसरा मोर्चा बनाने के सियासी फायदे दिखे तो ये कांग्रेस को झटका दे सकते हैं। दरअसल नीतीश कुमार के भाजपा खेमे में जाने के बाद इन दोनों नेताओं की सियासी महत्वाकांक्षाएं बढ़ गई हैं। उन्हें लगता है कि वर्ष 2019 में किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में एचडी देवगौड़ा की तरह उनके नाम की लॉटरी लग सकती है।  

राहुल के विश्वस्त बनकर उभरे हैं शरद यादव  
छोटे दलों की सक्रियता देख कांग्रेस के रणनीतिकारों ने भी अपनी कवायद तेज कर दी है। पार्टी की कोशिश हर हाल में कांग्रेस के नेतृत्व में ही विपक्षी मोर्चा बनाने की है। यही वजह है कि कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ने के बावजूद सोनिया गांधी विपक्षी दलों की अब तक तीन बैठकें बुला चुकी है। दरअसल कांग्रेस को इस मामले में शरद पवार और ममता बनर्जी से ज्यादा भरोसा राजद सुप्रीमों लालू यादव, माकपा नेता सीताराम येचुरी और जदयू के बागी नेता शरद यादव पर है। सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने येचुरी और यादव के साथ मंत्रणा की है। उन्होने यादव के माध्यम से जेल में बंद लालू यादव से भी संपर्क साधा है। लालू के मार्फत कांग्रेस की कोशिश सपा को भी साधे रखने की है। यह अलग बात है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और राहुल गांधी के बीच इधर बेहतर समन्वय दिखा है। शरद यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती के बीच बने अच्छे रिश्तों से भी कांग्रेस को उम्मीदे है। 

 
 

Created On :   25 March 2018 5:34 PM IST

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