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सौंसर में बर्बाद हुआ करोड़ों का संतरा कारोबार- बंद है मंडियां, बेरोजगार हुए कामगार,

डिजिटल डेस्क सौंसर। सौंसर में करोड़ों का संतरा कारोबार चौपट हो गया। कामगार बेरोजगार हो गए। इस व्यवसाय से जुड़े सहयोगी कारोबार में भी सन्नाटा छाया है। संतरा कारोबार क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होने से आर्थिक कारोबार पर इसका सीधा असर हो रहा है।
वर्ष में दो फसल में से मृग नक्षत्र की फसल बीते माह हुई ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई। जो संतरा पेड़ों पर रहा, उसमें सडऩ रोग शुरू होकर पेड़ों से नीचे टपक रहा है। इस समय जिन बगीचों में माल है, वहां व्यापारी खरीदी से इसलिए हाथ खड़े कर रहे है कि उक्त संतरा फल पैकिंग के बाद खराब होना शुरू हो जायेगा। इसके पूर्व अंबिया बहार के सीजन में संतरे की आवक कम रही है। संतरा कारोबारियों की माने तो इस वर्ष संतरा मंडियां तैयार करने की लागत वसूल नहीं हो पाई। मंडियों में कामगारों को किए एडवांस पेमेंट की भी पूर्णत: वसूली नहीं हो पाई है।
बंद है संतरा मंडियां
सौंसर में मृग बहार संतरे के लिए बनी 25 संतरा मंडियां इस समय बंद है। प्रति वर्ष मृग बहार की 25 से 30 हजार टन संतरे की आवक वाले बाजार में इन दिनों सन्नाटा छाया हुआ है। प्रति संतरा मंडी में 200 से 300 कामगारों को काम नहीं मिल रहा है। संतरा मंडी में 22 वर्ष से काम कर रहे कामगार योगेश धोतके का कहना है कि 2 माह में मात्र 10 दिन की मजदूरी मिली है। ऐसे में अब परिवार के पोषण का संकट निर्माण हुआ है।
कारोबारी चिंतित
संतरा व्यवसाय से जुड़े अन्य कारोबारी चिंता में है। संतरा परिवहन से लेकर पैकिंग के लिए लगने वाले साहित्य की आपूर्ति करने वाला कारोबार बंद जैसा ही है। संतरा पैकिंग की आपूर्ति करने वाले महमूद भाई ने बताया कि संतरा पैकिंग साहित्य के लिए 5 लाख की खरीदी की थी, अब तक 1 लाख का भी माल नहीं बिका। संतरा परिवहन में वाहन उपलब्ध कराने वाले जोगेश्वर महात्रे का कहना है कि ट्रांसपोर्टरों को वाहन बुकिंग के लिए दी गई हजारों की एडवांस राशि वसूल नहीं हो पा रही है।
बाजार में सन्नाटा
संतरा क्षेत्र के आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ होने से बाजार में सन्नाटा छाया है। बाजार में व्यापारियों ने विवाह सीजन के लिए माल बुकिंग से हाथ खींच लिए है। व्यापारी गणेश भोयर का कहना है कि किसान व कामगारों के पास रूपया आएगा तो ही बाजार में रौनक रहेगी। बाजार में उधारी वसूली भी रूकने की बात कहते हुए ज्ञानेश्वर भगत कहते है किसान के पास रूपया हीं नहीं है।
इनका कहना है
ज्यादा नुकसान ओलावृष्टि से हुआ है। फल नहीं होने से मंडियां बंद रखी है लेकिन इसे तैयार करने में लगा रूपया वसूल नहीं हो पा रहा है।
सतीश बोडखे संतरा व्यवसायी
संतरा कारोबार चौपट होने से ट्रांसपोर्ट कारोबार भी ठप्प हो गया है। प्रदेश से बाहर पहुंचाने जिन वाहनों की एडवांस बुकिंग की थी वह राशि भी डुबने का खतरा मंडरा रहा है।
एमटी भोयर ट्रांसपोर्टर एजेंट
Created On :   13 March 2018 2:52 PM IST