जिले की बेटी ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्बरूस की फतेह

The daughter of the district has conquered the highest peak of Europe, Mount Elbrus.
जिले की बेटी ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्बरूस की फतेह
भावना 7 समिट मिशन के तहत सातों महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर पर चाहती है तिरंगा फहराना जिले की बेटी ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्बरूस की फतेह


डिजिटल डेस्क  छिंदवाड़ा  । जिले की पर्वतारोही बेटी भावना डेहरिया ने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्बुस(रूस) को फतेह कर तिरंगा फहराया। एवरेस्ट विजेता भावना ने ने समुद्र तल से 5642 मीटर (18510 फीट)की ऊंचाई वाली चोटी पर पहुंचकर देश को गौरव दिलाया। रूस-जॉर्जिया बार्डर पर स्थित माउंट एल्बुस चोटी फतह करने के लिए उनकी टीम 10 अगस्त को रूस की राजधानी मॉस्को से मिनरलनी वोडी शहर पहुंची। 11 अगस्त को 2346 मीटर व 12 अगस्त को 3888 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच बेस केम्प बनाया और अगले दो दिन 4500 मीटर तक रोटेशन किया। 14 अगस्त की रात 12 बजे दल के साथ माउंट एल्बुस चोटी के लिए निकले, 15 अगस्त को सुबह 5.30 बजे पश्चिमी माउंट एल्बुस जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 18510 फीट है की चोटी पर तिरंगा फहराया। वहीं 16 अगस्त को ईस्ट शिखर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर दो चोटियों को फतह कर लिया। भावना 7 समिट मिशन के तहत सातों महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर पर तिरंगा फहराना चाहती है।
 15 महीने की बेटी की मां है भावना
जिले के विकासखंड तामिया की 30 वर्षीय भावना 15 महीने की बेटी की मॉ है। बेटी के जन्म के बाद भावना ने पर्वतारोहण का यह पहला अभियान यूरोप महाद्वीप की चोटी को जीतने का बनाया। लेकिन यह अभियान बहुत कठिन था। दूसरे दिन ही नाक से खून आना, नींद पूरी न होने से डिहाइड्रेशन और टीम के सदस्यों की तबीयत खराब होने के बाद बेहद मुश्किल हो गया था। लेकिन टीम से सोच लिया था कि किसी भी मुश्किल के बाद हमें चोटी पर फतह हासिल करनी है।  
हाथों की ऊंगलियां जम रहीं थीं
भावना ने बताया कि ये बेहद ही मुश्किल और शरीर को थका देने वाला मिशन था। दोनों शिखरों के नजदीक तापमान -25 से -35 डिग्री तक पहुंचने के साथ ही ठंडी हवा की रफ्तार भी 35 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ जाती थी। जिसके बाद हालत खराब होने लगती थी, हाथों की उंगलियां पूरी जम गयी थी। पूर्वी शिखर पर जाने के दौरान उंगलियां सुन्न हो जाने के कारण मुझे फ्रोजन बाईट होने का डर था। लेकिन तामिया की पहाडिय़ों पर की गई ट्रेनिंग के चलते बहुत कम समय में पर्वत फतह करने में सफलता मिली। अभियान में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सहयोग प्रदान किया।
दल में शामिल पर्वतारोही
भावना के साथ दोनों शिखर समिट करने वाले इस दल में विश्वनाथ कार्तिकेय पदाकांति, मनमोहन रावत, प्रदीप गहलोत, गुलशन ठाकुर, मुरिकी पुलकिता हसवी, अंकिता गुप्ता और रीना भट्टी शामिल रहे। यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी फतह करने वाला यह पहला भारतीय दल बना।
पर्वतारोही का रिकॉर्ड
22 मई 2019 - माउंट एवरेस्ट
27 नवंबर 2019 में - अफ्रीका महाद्वीप का माउंट किलिमंजारो (दीवाली के दिन)
10 मार्च 2020 में - ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का माउंट कोज़िअस्को (होली के दिन)

Created On :   16 Aug 2022 11:41 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story