सुनवाई ने होने पर कलेक्ट्रेट में किसान ने खाया जहर

जमीन विवाद की शिकायत लेकर जनसुनवाई में पहले भी तीन बार दे चुका था आवेदन, गंभीर हालात में नागपुर रेफर, तहसीलदार-पटवारी प सुनवाई ने होने पर कलेक्ट्रेट में किसान ने खाया जहर

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। बार-बार शिकायत कर थक चुके किसान ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट में ही जहर खाकर जान देने की कोशिश की। कलेक्ट्रेट प्रांगण में किसान के जहर खाने की खबर से अफसर भी सन्न रह गए। आनन-फानन में किसान को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के बाद नागपुर रेफर कर दिया गया है।
मामला मंगलवार दोपहर कलेक्ट्रेट परिसर का है। गांव नरसला के किसान नरेश पवार जनसुनवाई में शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे, लेकिन आचार संहिता के चलते जनसुनवाई बंद कर दी गई थी। शिकायत सुनने वाला भी परिसर में कोई नहीं था। जिससे नाराज किसान ने परिसर में ही जहर खा लिया। जहर खाने के बाद किसान ने परिसर में चिल्लाना शुरु कर दिया। आरोप था कि जमीन के बंटवारे को लेकर तहसीलदार और नरसला के पटवारी ज्ञानदेव राऊत द्वारा उसे लंबे समय से परेशान किया जा रहा है। इसके पहले वह तीन बार जनसुनवाई में शिकायत दर्ज करा चुका है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
अफसर हैरान, तुरंत पहुंचाया जिला अस्पताल
किसान के जहर खाने की खबर से अधिकारी भी हैरान रह गए। बताया जा रहा है कि किसान द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में ही पेस्टीसाइड का सेवन किया था। हल्ला मचा तो छिंदवाड़ा तहसीलदार अजय शुक्ला सक्रिय हुए और किसान को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। मीडिया के समक्ष किसान ने बताया कि वह शिकायत करके थक चुका है, लेकिन अफसर सुनने को तैयार नहीं है।
क्या है विवाद
नरसला निवासी किसान नरेश पवार की जमीन को लेकर विवाद बताया जा रहा है। नरेश की 15 एकड़ पुश्तैनी जमीन बेहरिया भुताई में है।  राजस्व विभाग द्वारा नक्शा दुरुस्तीकरण की शिकायत लेकर वह लंबे समय से अधिकारियों के चक्कर काट रहा था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। जिसके बाद ही किसान ने मंगलवार को जहर खाकर जान देने की कोशिश की।
दोपहर में नागपुर किया रेफर
जिला अस्पताल में इलाज के बाद किसान की हालत जस की तस बनी हुई थी। डॉक्टरों का कहना था कि किसान की हालत अब चिंताजनक नहीं है लेकिन ऐहतियत के तौर पर किसान को नागपुर रेफर कर दिया गया है। किसान के साथ डॉक्टरों की टीम भी नागपुर पहुंचाई गई है।
अफसरों के दावों की खुली पोल
जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन और राजस्व प्रकरणों के निराकरण में नंबर होने का दावा कर रहे प्रशासनिक अफसरों की पोल इस एक प्रकरण ने उजागर कर दी है। सिर्फ नक्शा दुरुस्तीकरन के एक प्रकरण में पटवारी ने किसान को इतना परेशान कर दिया कि उसे जहर खाने की नौबत आ गई। जनसुनवाई में शिकायत के बाद भी उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी।

Created On :   7 Dec 2021 10:22 PM IST

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