नाणार प्रोजेक्ट को लेकर सरकार दुविधा में, खुद जवाब देने सीएम ने विप की चर्चा रखी स्थगित

The Government is facing dilemma in the Nanar Project decision
नाणार प्रोजेक्ट को लेकर सरकार दुविधा में, खुद जवाब देने सीएम ने विप की चर्चा रखी स्थगित
नाणार प्रोजेक्ट को लेकर सरकार दुविधा में, खुद जवाब देने सीएम ने विप की चर्चा रखी स्थगित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोंकण में प्रस्तावित नाणार ग्रीन रिफायनरी प्रकल्प को लेकर विधानमंडल में सरकार दुविधा में दिखी। विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य संजय दत्त ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत यह मुद्दा उठाया था। सामने शिवसेना नेता व उद्योग मंत्री सुभाष देसाई जवाब देने के लिए बैठे थे। शिवसेना सदस्य भी इसे लेकर उत्साहित थे। इसी बीच राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने सभापति रामराजे निंबालकर को बताया कि मुख्यमंत्री ने निवेदन किया है कि उनके आने तक यह चर्चा स्थगित रखी जाए। मुख्यमंत्री इस मसले पर खुद जवाब देंगे। विपक्ष इस पर आक्रामक हो गया। आखिरकार कुछ मिनट में मुख्यमंत्री सदन में पहुंचे।

जिसके बाद कांग्रेस सदस्य संजय दत्त ने सवाल किया कि उद्योग मंत्री ने नाणार प्रकल्प के लिए जारी नोटिफिकेशन रद्द करने की घोषणा की है। इस पर फडणवीस ने कहा कि उन्हें इसका अधिकार नहीं है। उद्योग मंत्री ने फिर कहा कि यह अंतिम चरण में है। इसके बाद भी विदेशी कंपनी से करार किया गया। सरकार को चाहिए कि स्थिति स्पष्ट करे। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट होने के कारण उद्योग विभाग इसमें सिर्फ नोडल एजेंसी है। उन्हें नोटिफिकेशन रद्द करने का अधिकार नहीं है। यह अधिकार मुख्यमंत्री और हाई पॉवर कमेटी को ही है। 

"प्रकल्प समर्थकों को बता दूंगा नाम, पर उनकी जान को खतरा न हो"
शिवसेना पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकल्प का अनेक लोगों ने समर्थन किया है। मैं उनका नाम भी सार्वजनिक करने तैयार हूं। बशर्तें उनकी जान को कोई खतरा नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि यह प्रकल्प थोपा नहीं जाएगा। लोगों की चिंताओं को दूर कर निर्णय लिया जाएगा। यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रोजेक्ट लगेगा महाराष्ट्र में ही, भले वह कहीं भी लगे। उन्होंने इससे राज्य की जीडीपी बढ़ने का दावा भी किया। 

शिवसेना के सदस्यों ने साधी चुप्पी
नाणार प्रकल्प पर चर्चा के दौरान उद्योग मंत्री सुभाष देसाई चुप्पी साधे रहे। नीलम गोर्हे के एक सवाल को छोड़कर शिवसेना के अन्य किसी सदस्य ने न सवाल पूछा और न किसी ने विरोध किया। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और राकांपा ने शिवसेना व भाजपा पर राज्य को गुमराह करने का आरोप लगाया।

Created On :   11 July 2018 7:00 AM GMT

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