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महाराष्ट्र के 1 हजार गांवों को स्मार्ट बनाएगी सरकार, बदलेगी तस्वीर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विजय सिंह कौशिक। राज्य की फडनवीस सरकार महाराष्ट्र के 1 हजार गांवों का कायाकल्प करेगी। इस काम में उद्योगिक घरानों की मदद ली जा रही है। सरकार की ग्राम परिवर्तन योजना में विदर्भ और मराठवाडा के गांवों को शामिल किया गया है। इनमें नक्सलग्रस्त गडचिरोली के 26 गांव शामिल हैं।
उद्योग जगत की मदद से बदलेगी पिछड़े गावों की तस्वीर
सरकार की तरफ से विलेज सोशल ट्रांसफार्मेशन फाउंडेशन की स्थापना की गई है। इस फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक और प्रदेश भाजपा की प्रवक्ता श्वेता शालिन ने मंगलवार को विधानभवन में दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि पहले साल में 500 गावों की सभी जरूरतें पूरा करने का काम किया जाएगा। इसके लिए 350 उच्च शिक्षित युवक-युवतियों की नियुक्ति की गई है। एक व्यक्ति को एक गांव की जिम्मेदारी सौपी गई है। हर गांव की जरूरत के हिसाब से वहां विकास कार्य किए जाएंगे।
मूलभूत सुविधाओं के अलावा रोजगार पर होगा ध्यान
इन गावों में बिजली-पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के अलावा रोजगार के साधन पैदा करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इन गांवों की महिलाओं द्वारा तैयार सामान बिग बाजार जैसे रिटेल चेन स्टोर में बेचे जाएंगे। उन्होंने बताया कि हर कार्पोरेट कंपनियों से निधि के अलावा दूसरे सहयोग भी ले रहे हैं। एलईडी बल्ब बनाने वाली मशहूर कंपनी सिस्का एलईडी इन एक हजार गांवों में से 50 गावों में स्ट्रीट लाईट लगाएगी।
टाटा से अमिताभ तक का मिल रहा सहयोग
जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा, आनंद मंहिद्रा, राजश्री बिडला, राजकुमार धुत, केतन पारेख जैसी कारपोरेट जगत की हस्तियों के अलावा सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन भी परियोजना से जुड़े हैं। इन गांवों में विकास कार्यों के लिए जितनी राशि कारपोरेट कंपनियों के सामाजिक दायित्व निधि (CSR) से जितने पैसे मिलेंगे, उतनी ही राशि राज्य सरकार देगी।
प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने का लक्ष्य
कार्यकारी निदेशक श्वेता शालिनी के मुताबिक इस परियोजना के माध्यम से ग्रामीण महाराष्ट्र की तस्वीर में बदलाव होगा। योजना के लिए चुने गए गांवों में रहने वालों का जीवनस्तर ऊंचा उठाने और उनकी प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करने का काम चल रहा है।
Created On :   19 Dec 2017 12:57 PM GMT