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सरकार करेगी जलाशयों की निगरानी, सूखाग्रस्त क्षेत्र में पानी चोरी पर दर्ज होगा मामला
डिजिटल डेस्क,मुंबई। राज्य में पानी चोरों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने इससे जुड़ा आदेश जारी किया है। दरअसल राज्य के सूखा प्रभावित इलाकों के जलाशयों, नहरों और जमीन के भीतर जलस्तर तेजी से घट रहा है। इसके चलते कई गांवों में पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है। इसीलिए सरकार अब पानी की गैरकानूनी निकासी रोकने के लिए जलाशयों की निगरानी भी करेगी।
उल्लेखनीय है कि जिस तेजी से राज्य के जलाशयों का जलस्तर नीचे जा रहा है। डर है कि गर्मियां शुरू होते ही पानी के लिए हाहाकार मच सकता है। इसीलिए सरकार अभी से बचे हुए पानी के सही इस्तेमाल की योजना बना रही है। जलसंसाधन विभाग ने पानी की समस्या से निपटने के लिए जिलास्तर पर उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही संबंधित अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि वे जलाशयों से पानी की अवैध निकासी तथा पानी के दुरूपयोग रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। इसके अलावा जमीन के नीचे से भी पंपों के जरिए पानी की अवैध निकासी पर लगाम लगाने की कोशिश है।
दरअसल पानी की कमी होते ही टैंकर माफिया जलस्त्रोंतो और पंपों से पानी की अवैध निकासी कर पानी बेंच मुनाफा कमाता है। लेकिन जलाशयों का पानी खत्म होने के बाद आम लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार को टैंकरों का इंतजाम करना पड़ता है। इसीलिए सरकार की कोशिश है कि जितना संभव हो सके जलाशयों का पानी गर्मियों के लिए बचा कर रखा जाए। जलाशयों से पानी की अवैध निकासी रोकने के लिए जलसंसाधन विभाग ने साफ निर्देश दिए हैं कि आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
निगरानी के लिए जांच दल
पानी की अवैध निकासी रोकने के लिए विशेष जांच दल बनाए जाएंगे। इस दस्ते में जलसंसाधन विभाग के शाखा अभियंता, राजस्व मंडल अधिकारी और पुलिस उपनिरीक्षक शामिल होंगे। दस्ते को जुर्माना वसूलने, अवैध पानी निकासी करने वाले पंपों की बिजली काटने का अधिकार होगा। दस्ता कार्रवाई से जुड़ी मासिक रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगा।
Created On :   13 Dec 2018 12:20 PM GMT