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विधवा को मिलनेवाली ग्रेच्युटी से पैसे काटने के आदेश हाईकोर्ट ने किया रद्द

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पति की मौत के बाद विधवा पत्नी को मिलनेवाली ग्रेच्युटी की रकम से पैसे काटने के आदेश को रद्द कर दिया है। जस्टिस शांतनु केमकर व जस्टिस नितिन सांब्रे की बेंच ने संगीता यादव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया गया।
संगीता ने याचिका में दावा किया था कि उसके पति मिरज एज्युकेशन सोसायटी में जूनियर क्लर्क के रुप में कार्यरत थे। निधन से पहले तक सेवा में थे। लेकिन जब मैंने उनकी ग्रेच्युटी व सेवा निवृत्ति से जुड़े दूसरे लाभ व अनुकंपा नियुक्ति का आग्रह किया तो एज्युकेशन सोसायटी के वरिष्ठ लेखा अधिकारी ने मुझसे एक लाख रुपए वसूल करने का आदेश दिया और कहा कि यह रकम ग्रेच्युटी की रकम से काटी जाए। लेखा अधिकारी ने कहा कि याचिकाकर्ता के पति को अतिरिक्त रमक का भुगतान किया गया है। इसके साथ ही स्पष्ट किया कि जब याचिकाकर्ता के पति की नियुक्ति की गई थी तो वह ओवर ऐज थे। इसलिए उसकी नियुक्ति अवैध है। लेखा अधिकारी के इस आदेश के खिलाफ यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
बेंच ने याचिका पर गौर करने के बाद कहा कि याचिकाकर्ता के पति निधन से पहले तक एज्युकेशन सोसायटी संस्थान में सेवा में थे। अब वह इस आधार पर पैसे नहीं काट सकती कि नियुक्ति के समय याचिकाकर्ता के पति की आयु उस पद के योग्य नहीं थी।। यह कहते हुए बेंच ने पैसे की वसूली को लेकर दिए गए आदेश को रद्द कर दिया।
इसके साथ ही सोसायटी को निर्देश दिया कि सोसायटी याचिकाकर्ता को तीन महीने के भीतर ग्रेज्यूटी से काटी गई रकम नौ प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाए। इसके साथ ही एज्युकेशन सोसायटी याचिकाकर्ता की अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े आवेदन को संयुक्त शिक्षा निदेशक के पास विचार के लिए भेजे और शिक्षा निदेशक तीन महीने के भीतर अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े आवेदन पर निर्णय ले।
Created On :   16 Jun 2018 5:59 PM IST