बीमारी से बचाने वालों की सेहत खतरे मेें, नहीं होती जांच

The health of those who save the disease is at risk no checkups
बीमारी से बचाने वालों की सेहत खतरे मेें, नहीं होती जांच
बीमारी से बचाने वालों की सेहत खतरे मेें, नहीं होती जांच

चंद्रकांत चावरे, नागपुर। साफ-सफाई पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं ताकि लोग स्वस्थ रहें लेकिन उनके बारे कोई नहीं सोचता जो ये कचरा उठाते हैं। गंदगी के बीच कई घंटे तक रहने वाले इन सफाई कर्मियों के स्वास्थ्य की लंबे समय तक जांच भी नहीं होती। शहर में सफाई का जिम्मा निभाने वाली नागपुर महानगर पालिका और शहर का कचरा उठाने वाली कनक रिसोर्सेस मैनेजमेंट कंपनी ने पिछले दो साल से सफाईकर्मियों की स्वास्थ्य जांच नहीं की है। इस समय मनपा के 7 हजार और कनक के 1560 कुल मिलाकर 8 हजार 560 सफाईकर्मी शहर का कचरा अौर गंदगी साफ करने का काम कर रहे हैं। 

1560 कर्मचारी हैं कार्यरत 
नागपुर महानगर पालिका ने 2008 में शहर का कचरा उठाने का ठेका कनक रिसोर्सेस प्राइवेट लिमिटेड को दिया। मई 2019 में यह ठेका समाप्त होने वाला है। नागपुर शहर में हर दिन 1100 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। कंपनी 170 स्थानों से कचरा उठाती है। कंपनी 267 वाहन और 580 साइकिल रिक्शाें के माध्यम से यह काम करती है। कंपनी के पास कचरा उठाने के लिए 1560 कर्मचारी काम कर रहे हैं। शहर का कचरा उठाने के बाद उसे भांडेवाडी डंपिंग यार्ड में डंप किया जाता है। इतनी बड़ी जिम्मेदारी मनपा ने जिस कंपनी को दी है, वह अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह है। इस कंपनी ने भी दो साल से अपने कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच नहीं की है।

मनपा के हैं 7 हजार कर्मचारी
महानगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार करीब 7 हजार कर्मचारी नागपुर की साफ-सफाई का ध्यान रखते है। ये लोग गली-कूचों से चौराहों तक की सफाई करते हैं। इतना ही नहीं समय आने पर इन्हें चेंबरों में भी उतरकर सफाई करनी पड़ती है। कचरा और गंदगी में काम करते समय इन्हें अनेक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। हर समय जीव-जंतुओं के बीच रहने के कारण इन्हें बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। सूत्रों ने बताया कि सफाईकर्मियों में दाद, खुजली व त्वचा रोग की बीमारियां होना आम बात हो चुकी है। ऐसे रोगों का समय पर इलाज नहीं किया गया तो इसका दुष्परिणाम होता है। मनपा प्रशासन इस पर ध्यान नहीं देता। सूत्रों के अनुसार शहर के 38 प्रभागों में 4 हाजिरी स्टैंडों के माध्यम से ये कर्मचारी अलग-अलग स्थानों की साफसफाई का काम करते हैं।

दो साल से नहीं की जांच
हमने अपने कर्मचारियों का ईएसआईसी का कार्ड बनवाया है। कर्मचारी और उसका परिवार जब भी कोई तकलीफ हो संबंधित अस्पताल में जाकर इलाज करवा सकता है। कई कर्मचारी अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह होते हैं। वे जांच कराने अस्पताल तक नहीं जाते। ऊपर से कंपनी पर बेबुनियाद आरोप लगाते हैं।  (कमलेश शर्मा, व्यवस्थापक, कनक रिसोर्सेस प्रा. लिमिटेड)

नियमित जांच कार्यक्रम शुरु होगा
कनक रिसोर्सेस कंपनी के सफाईकर्मियों के संबध में क्या नियम है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। यह एग्रीमेंट देखने के बाद ही बता सकूंगा। मनपा के सफाई कर्मियों के स्वास्थ्य जांच को लेकर हाल ही में एक बैठक हुई है। साल में एक बार उनके स्वास्थ्य की जांच की जाती है। (डॉ. प्रदीप दासरवार, स्वास्थ्य अधिकारी मनपा) 

सफाईकर्मियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच होनी चाहिए
 दिन-रात गंदगी और कचरे में काम करने वाले सफाईकर्मियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच होनी चाहिए। मैं मनपा और कनक रिसोर्सेस कंपनी के संबंधित अधिकारियों से इस बारे में पूछता हूं। साथ ही सफाईकर्मियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच करने के निर्देश देता हूं। (मनोज चापले, सभापति, मनपा स्वास्थ्य समिति)

Created On :   17 April 2018 3:52 PM IST

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