नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ पार्षदों ने की भूख हड़ताल

The hunger strike of councilors against city council president
नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ पार्षदों ने की भूख हड़ताल
नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ पार्षदों ने की भूख हड़ताल

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। बिछुआ नगर परिषद अध्यक्ष को लेकर गुरुवार को अचानक ही माहौल गरमा गया। अध्यक्ष की कार्यप्रणाली से नाराज पार्षदों ने कलेक्ट्रेट परिसर में भूख हड़ताल प्रारंभ कर दी। पार्षदों का सीधा आरोप था कि अध्यक्ष द्वारा बड़ी अनियमितता बरती जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी अधिकारी कार्रवाई से परहेज कर रहे हैं। अब जब तक अध्यक्ष को पद से नहीं हटाया जाता है, तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
    बिछुआ नगर परिषद अध्यक्ष दीपिका चौपड़े को लेकर पिछले डेढ़ साल से विवाद चल रहा है। कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा पार्षदों का एक गुट भी अध्यक्ष के खिलाफ खुलकर विरोध में उतर आया है। लगातार घपले घोटालों के आरोप लगाए जाने के बाद भी अध्यक्ष को नहीं हटाए जाने से नाराज पार्षदों ने गुरुवार से कलेक्टे्रट परिसर में भूख हड़ताल शुरु कर दी। ठीक गेट के सामने बैठक ये पार्षद अध्यक्ष को हटाने तक हटने को तैयार नहीं थे। पार्षदों का कहना था कि कर्मचारियों की भर्ती सहित खरीदी में अनियमितताओं के मामले सामने आने के बाद भी अध्यक्ष को नहीं हटाया जा रहा है। जिसके विरोध में ही वे ये आंदोलन शुरु कर रहे हैं।
उपसचिव से भी जारी हो चुका नोटिस
नगरीय प्रशासन विभाग के उपसचिव द्वारा भी हाल ही में परिषद अध्यक्ष दीपिका चौपड़े को नोटिस जारी किया जा चुका है। जिसमें एलईडी खरीदी से लेकर 8 मामले में अध्यक्ष को दोषी पाते हुए 15 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए आदेशित किया गया था। इस नोटिस में उपसचिव द्वारा कई घोटालों में अध्यक्ष की लिप्तता की पुष्टि की गई हैं।
ये पार्षद उतरे विरोध में
बिछुआ नगर परिषद में कुल 15 पार्षद है। जिसमें 6 कांग्रेस, 7 भाजपा और 2 निर्दलीय पार्षद है। जिन पार्षदों ने गुरुवार से प्रदर्शन शुरु किया, उसमें राया उईके, अनिता मानमोड़े, अनिता बोबड़े, पम्मी नागरे, रघ्घु मांडेकर सहित वार्ड नं. 13, 10, 11,7, की पार्षद शामिल है। अध्यक्ष का खुद परिषद उपाध्यक्ष भी विरोध कर रहे हैं।
ये हैं आरोप
- एलईडी बल्बों की खरीदी में अध्यक्ष और सीएमओ द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया।
- 45 लाख की खरीदी एक साथ करनी थी लेकिन अलग-अलग बिना निविदा निकाले खरीदी की गई।
- सप्लायर से पांच प्रतिशत प्रतिभूति राशि जमा करवाए बगैर ही खरीदी कर ली गई। इसके अलावा अनुबंध के बगैर ही समान खरीदा गया।

 

Created On :   19 Jan 2018 1:10 PM IST

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