आवंटित बेशकीमती जमीन पर भू माफिया की नजर, इसलिए उसे छोड़कर मैदान पर बनाए जा रहे हॉस्टल

The land mafia is eyeing the allotted prized land, so hostels are being built on the ground leaving it
आवंटित बेशकीमती जमीन पर भू माफिया की नजर, इसलिए उसे छोड़कर मैदान पर बनाए जा रहे हॉस्टल
आवंटित बेशकीमती जमीन पर भू माफिया की नजर, इसलिए उसे छोड़कर मैदान पर बनाए जा रहे हॉस्टल

 छतरपुर के शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक स्कूल की जमीन पर प्रस्तावित निर्माण को चुनौती, हाईकोर्ट का राज्य सरकार व अन्य को नोटिस
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
हाईकोर्ट ने गुरुवार को उस जनहित याचिका पर राज्य सरकार व अन्य को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए, जिसमें छतरपुर के शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक स्कूल के खेल के मैदान पर दो हॉस्टलों के निर्माण को चुनौती दी गई है। मामले में आरोप है कि सरकार ने हॉस्टल के निर्माण के लिए जो जमीन आवंटित की थी, वो बेशकीमती है और उस पर भू माफिया की नजर है। इसी वजह से उस आवंटित जमीन को छोड़कर मैदान पर हॉस्टल बनाया जा रहा, जो अवैधानिक है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले को संजीदगी से लेते हुए अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश देकर अगली सुनवाई 31 मार्च को निर्धारित की है।
छतरपुर के अधिवक्ता महिपाल यादव की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 22 जून 2009 को खसरा नं. 3654 और 3655 की 3 हैक्टेयर जमीन शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक स्कूल के छात्रों और छात्राओं के हॉस्टल निर्माण के लिए आवंटित की थी। 2 नवम्बर 2011 को हॉस्टल निर्माण समिति की बैठक हुई। तमाम औपचारिकताओं के बाद हॉस्टल निर्माण का भूमिपूजन भी हुआ। याचिका में आरोप है कि सरकार द्वारा आवंटित जमीन के बजाए अब हॉस्टलों का निर्माण स्कूल के खेल के मैदान की जमीन पर किया जा रहा है।
आरोप है कि यह सबकुछ भूमाफिया और कुछ रसूखदार राजनीतिक लोगों की वजह से किया जा रहा, क्योंकि उनकी नजरें सरकार द्वारा आवंटित जमीन पर है। आवेदक का कहना है कि वर्षों पुराने खेल के मैदान पर हॉस्टल बनने से वहां पर हॉकी, फुटबाल, बॉलीवाल और अन्य खेलों के कोई भी टूर्नामेंट नहीं हो पाएंगे और इससे खिलाडिय़ों के हित प्रभावित होंगे। इस बारे में संबंधितों को शिकायतें देने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। याचिका में प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त लोक संचालनालय, सागर के संभागायुक्त, छतरपुर के कलेक्टर, डीईओ और लोनिवि के डिवीजनल प्रोजेक्ट इंजीनियर को पक्षकार बनाया गया है।
याचिका पर गुरुवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनोज कुमार मिश्रा ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
 

Created On :   13 March 2020 1:16 PM IST

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