गोदाम में रखा-रखा खराब हो गया मक्का, तीन साल बाद भी नहीं हुई निलामी 

The maize kept in the warehouse was spoiled, the auction was not done even after three years
गोदाम में रखा-रखा खराब हो गया मक्का, तीन साल बाद भी नहीं हुई निलामी 
गोदाम में रखा-रखा खराब हो गया मक्का, तीन साल बाद भी नहीं हुई निलामी 


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा / पांढुर्ना।  मक्का से भरी बोरियों में से पाउडरनुमा भूसा गिर रहा है। मक्का की बोरियों के लॉट पर चूहे दौड़ रहे हैं। लगभग सभी बोरों में घुन लग चुका है। कुछ बोरियां सड़कर फटने लगी हैं। ऐसा सौ-दो सौ नहीं, पूरे 6054 बोरियों के साथ हो रहा है। यह नजारा पांढुर्ना तहसील मुख्यालय से महज सात किमी दूर मोरडोंगरी स्थित एमपी वेयर हाउस का है। यहां वर्ष 2016-17 में शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदे गए मक्का का लगभग तीन हजार क्विंटल का लॉट विगत तीन वर्षों से जस का तस पड़ा है।
जानकार बताते हंै कि उपार्जन व्यवस्था के तहत चालू वर्ष में खरीदे गए मक्का या गेहूं को आगामी एक-सवा साल में नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से आसपास की सहकारी दुकानों में वितरित करा दिया जाता है। इसके अलावा अधिक स्टॉक होने पर इसी समयावधि पर खरीदे गए मक्का या गेहूं का नीलाम कर दिया जाता है। ऐसी व्यवस्था वर्ष 2016 तक सुचारू रूप से चलती रही, परंतु पांढुर्ना में विभिन्न समितियों द्वारा खरीदे गए मक्का के स्टॉक को शायद जिला स्तर के अधिकारी भूल ही गए। आज तक इसके नीलाम और वितरण की व्यवस्था पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आलम यह है कि अब लगभग तीन हजार क्विंटल मक्का सड़कर भूसे के रूप में तब्दील हो गया है।
वितरण को लेकर लापरवाही करते हैं अधिकारी-
वर्ष 2016-17 के सत्र में मोरडोंगरी के इस वेयर हाउस में मक्का की बोरियों का भंडारण हुआ। उस समय हर दिन केन्द्रों में खरीदी, परिवहन और गोदामों में भंडारण का रिकार्ड छिंदवाड़ा कार्यालय बुलवाया जा रहा था। नागरिक आपूर्ति निगम और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को एक-एक बोरी के स्टॉक की जानकारी संज्ञान में रही, परंतु आज तक किसी भी अधिकारी ने इस मक्का के वितरण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। यही हाल पिछले साल खरीदी गई ज्वार का भी है। इसी तरह गोदाम में लगभग चौदह महीने से ज्वार का भी लॉट जस का तस पड़ा है। जानकार बताते हैं कि यदि चार-छह महीने और लापरवाही बरती गई तो यह ज्वार भी खराब हो जाएगी।
वरिष्ठों पर मामला टाल रहे स्थानीय अधिकारी-
गोदाम में तीन साल से सड़ रहे मक्का को लेकर एमपी वेयर हाउस के स्थानीय गोदाम इंचार्ज कैलाश चौहान बताते हैं कि हमारा काम गोदाम में भंडारण करना और उसकी प्रोटोकॉल के तहत देखरेख करना होता है। हम नियमित रूप से मक्का पर दवाइयों का छिड़काव कर रहे हंै, परंतु समय अधिक बीत जाने के कारण मक्का खराब भी हो रहा है। नागरिक आपूर्ति निगम के स्थानीय अधिकारी मुनेश्वर डहाट ने बताया कि मक्के का वितरण स्टेट सिविल कॉर्पोरेशन के जिला कार्यालय के माध्यम से होता है। इसकी नीलामी की प्रक्रिया भी जिला कार्यालय से होती है। पांढुर्ना में मक्का के इस पुराने स्टॉक की जानकारी जिले के सभी प्रमुख अधिकारियों को है, वे इस पर निर्णय लेंगे।
इनका कहना है-
मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं कल गोदाम का निरीक्षण करूंगा। यदि मक्का के निष्पादन में स्थानीय स्तर पर कोई लापरवाही हुई है तो कलेक्टर को  प्रतिवेदन भी भेजा जाएगा।
-सीपी पटेल, एसडीएम पांढुर्ना

Created On :   20 Jan 2020 5:47 PM GMT

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