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महानगर की असल तस्वीर कुछ भी हो, लेकिन कागजों पर साफ है शहर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगर की साफ-सफाई के लिए मनपा ने गीला और सूखा कचरा अलग-अलग जमा करने की नई योजना बनाई, लेकिन सफाई कर्मचारी काम करने के लिए तैयार नहीं है। यह हालत किसी एक प्रभाग की नहीं, बल्कि पूरे महानगर की है। एसे में गंदगी सिर्फ कागजों पर ही साफ होती दिखाई पड़ रही है। पिछले दिनों यह समस्या मनपा की आमसभा में नगरसेवक बाल्या बोरकर ने उठाई थी।
कमीशन पर होती है सफाई
सूत्रों की मानें तो शहर की सफाई कमीशन के बल पर हो रही है। अपने वेतन का कुछ हिस्सा देकर कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आते हैं और उनकी हाजिरी लग जाती है। इससे उनको वेतन तो मिल जाता है, लेकिन सफाई नहीं होती है। विशेष बात यह है कि जो कर्मचारी छुट्टी पर रहते हैं, उनके नहीं आने के बाद पता चलता है, इसके लिए वह पहले से कोई आवेदन नहीं देते।
ड्यूटी पर 170 में सिर्फ 70 मिले
नगरसेवक बाल्या बोरकर ने बताया कि सोमवार 11 सितंबर को उन्होंने प्रभाग 23 में स्वप्नलोक भवन, एनआईटी कॉम्प्लेक्स के पास सफाई कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर देखा, तो 220 कर्मचारियों में से 170 की हाजिरी लगी हुई थी। लेकिन जब उन्होंने फील्ड पर जाकर 8 बजे सफाई कर्मचारियों की गिनती की, तो उन्हें सिर्फ 70 कर्मचारी ही मिले। उससे भी हैरानी की बात यह है कि 11:30 बजे 70 में से सिर्फ आधे ही कर्मचारी रह गए। सिर्फ 35 कर्मचारी ड्यूटी पर मिले। इसकी शिकायत इंसपेक्टर और ज्वाइंट ऑफिसर से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
राजेन्द्र नगर में डेंगू का प्रकोप
मनपा के प्रभाग 38 के राजेंद्र नगर स्थित बस डिपो में सालों से कचरा पड़ा राह, कई बसें कबाड़े में पड़ी हैं। जहां पानी सहित गंदगी जमा होती है। जो बीमारियों का कारण बन रही हैं। इस गंदगी के कारण राजेंद्र नगर और लुंबीनी नगर में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है। इसको लेकर लोगों ने खासा विरोध किया। मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रभाग के नगरसेवक प्रफुल्ल गुडधे ने मौके पर जाकर मनपा परिवहन अधिकारियों के साथ चर्चा की। साथ ही कचरे को हटाने के निर्देश परिवहन व्यवस्थापक शिवाजी जगताप को दिए।
Created On :   19 Sept 2017 6:03 PM IST