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सुको के निर्देशों की मंशा के मुताबिक हैं होर्डिंग्स के नए नियम
नए नियमों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नगर निगम ने पेश किया हाईकोर्ट में जवाब, सुनवाई जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर के विभिन्न स्थानों पर होर्डिंग्स लगाने को लेकर मप्र सरकार द्वारा मप्र आउटडोर एडवरटाईजमेन्ट मीडिया रूल्स 2017 के नाम से बनाए गए नए नियमों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नगर निगम ने हाईकोर्ट में जवाब सोमवार को पेश कर दिया है। निगम का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा समय-समय जताई गई मंशा के तहत ही ये नियम बनाए गए हैं। लाईसेन्स फीस उन बिल्डिंग मालिकों से वसूली जाएगी, जिनके यहां पर होर्डिंग्स लगाए जाएंगे। उस फीस का याचिकाकर्ताओं से कोई संबंध नहीं है, इसलिए नए नियमों को असंवैधानिक नहीं कहा जा सकता। जस्टिस संजय यादव और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने जवाब रिकार्ड पर लेने के निर्देश देकर सुनवाई जनवरी माह के आखिरी सप्ताह तक के लिए मुल्तवी कर दी।
आउटडोर एडवरटाईजर्स एसोसिएशन व अन्य की ओर से दायर इन याचिकाओं में नए नियम के उस प्रावधान को कटघरे में रखा गया है, जिसमें उन निजी संपत्तियों से लाईसेन्स फीस वसूलने का प्रावधान किया गया है, जहां पर होर्डिंग्स लगे हुए हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि मप्र नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के मुताबिक नगर निगम को धारा 132 के तहत सिर्फ विज्ञापन कर वसूलने का हक है, लेकिन होर्डिंग्स के लिए नए नियम में निजी संपत्तियों से लाईसेन्स फीस वसूलने के संबंध में किया गया प्रावधान न सिर्फ नगर पालिक निगम अधिनियम बल्कि संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का भी खुला उल्लंघन है। इतना ही नहीं, जीएसटी के तहत ही उन पर टैक्स लगाया जा सकता है और ऐसे में राज्य सरकार या नगर निगम उनसे किसी भी तरह का कोई टैक्स वसूल नहीं सकती।
मामले पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संकल्प कोचर और नगर निगम की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह हाजिर हुए। श्री सिंह ने युगलपीठ को बताया कि निगम की ओर से जवाब तैयार हो चुका है, जो अभी पेश किया जा रहा है। इस पर युगलपीठ ने जवाब को रिकार्ड पर लेने के निर्देश देकर सुनवाई मुलतवी कर दी।
Created On :   3 Dec 2019 2:31 PM IST