जमीन पर बिछ गए संतरा - आफत बनकर बरसे ओले, फसलें हुई खराब

The oranges that were spread on the ground - hail like rains, crops spoiled
जमीन पर बिछ गए संतरा - आफत बनकर बरसे ओले, फसलें हुई खराब
जमीन पर बिछ गए संतरा - आफत बनकर बरसे ओले, फसलें हुई खराब

सौसर, पांढुर्ना में सबसे ज्यादा नुकसान, मोहखेड़, खमारपानी के कुछ हिस्से में ओलावृष्टि
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा।
नए साल का पहला दिन जिले के किसानों के लिए आफत लेकर आया। संतरा बगीचों में 30 से 40 फीसदी फसल प्रभावित हुई है।बुधवार सुबह से देर शाम तक जिले के अधिकांश हिस्सों में रिमझिम बारिश हुई तो रात में कई स्थानों पर बादल झूमकर बरसे। बुधवार गुुरुवार की दरमियानी रात सौसर पांढुर्ना विकासखंड में जबरदस्त ओलावृष्टि हुई तो वहीं गुरुवार की सुबह बिछुआ और मोहखेड़ विकासखंड के कुछ गांवों में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। भू अभिलेख कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटे में जिले में औसत 18.2 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। सबसे ज्यादा बारिश जुन्नारदेव विकासखंड में 40.8 मिमी हुई। शासकीय रिकार्ड के मुताबिक इस सीजन में जिले की औसत बारिश का आंकड़ा 1390.8 मिमी तक पहुंच गया है।
एक घंटे तक गिरे आवले के बराबर ओले
 सौसर विकासखंड में बुधवार की रात लगभग 12 बजे के बाद रामाकोना क्षेत्र के आदिवासी अंचल में लगभग एक घंटे तक बेर और आवले के आकार के ओले गिरे। सुबह तक खेतों में फसल के बीच के ओले की परत नजर आ रही थी। सूचना मिलते ही विधायक विजय चौरे और एसडीएम ओमप्रकाश सनोडिया ने राजस्व व कृषि अमले के साथ प्रभावित गांवों का दौरा। एसडीएम के अनुसार सौसर तहसील के लगभग 12 गांवों में फसलों को नुकसान हुआ है। जोबनी, खापा, सिल्लोरा, आमला, कोपरावाड़ी, देवी आलेसुर, घडेला, सीतापार सहित अन्य गांवों में ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा नुकसान दिख रहा है। संतरा बगीचों में 30 से 40 फीसदी फसल प्रभावित हुई है। कच्चे मकानों के कवेलू भी चकनाचूर हो गए हैं। एसडीएम ने नुकसान का आंकलन करने के लिए सर्वे दल गठित किया है।
गेहूं और चना फसल हुई तबाह
पांढुर्ना के नांदनवाड़ी सर्किल में बुधवार की रात हुई ओलावृष्टि से एक दर्जन से अधिक गांवों में गेहूं और चना फसल को जबरदस्त नुकसान हुआ है। कई खेतों में गेहूं के पौधे ओले की परत में दबे नजर आ रहे थे। पानी सिंचाई की नालियों में बेर के आकार के ओलों की परत साफ नजर आ रही थी। किसानों ने बताया कि रात लगभग 11.30 बजे आवले से बड़े आकार के ओले गिरे। लोहे की टीन पर ओलों के गिरने से बहुत तेज आवाज आ रही थी। सूचना मिलते ही विधायक नीलेश उइके और एसडीएम ओपी पटेल शासकीय दल के साथ गांवों में पहुंच गए। जनप्रतिनिधियों ने नांदनवाड़ी, धनोरा, उत्तम डेरा, दिघोरी, डोलनखापा, नरसला, पठारा सहित अन्य गांवों में फसलों का जायजा लिया। एसडीएम पटेल ने कहा कि ओला प्रभावित फसलों का सर्वे करने टीम गठित की जा रही है। जल्द ही सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
सावरी और खमारपानी में भी नुकसान
सावरी और खमारपानी उपतहसील में ओलावृष्टि और तेज बारिश से रबी फसलों को जबरदस्त नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार सावरी सर्किल के पौनार, पठरा, भुताई, नरसला, टिकाड़ी, खुनाझिर सहित अन्य गांवों में बुधवार की रात चने के आकार के ओले गिरे तो वहीं खमारपानी उप तहसील के आसपास आठ-दस गांवों में गुरुवार की सुबह 9 बजे के बाद तेज बारिश ने कहर बरपाया। इस क्षेत्र में बुधवार की रात चने के आकार के ओले गिरे हैं।
 

Created On :   3 Jan 2020 3:11 PM IST

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