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अब नए डिजाइन में बनेगा लोअर पैनगंगा सिंचाई प्रोजेक्ट, पुराना टेंडर भी रद्द

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यवतमाल जिले में बनने वाला लोअर पैनगंगा सिंचाई प्रोजेक्ट अब नए डिजाइन में बनेगा। सिंचाई विभाग ने इसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है। साथ ही इस परियोजना के लिए साल 2008 में स्वीकृत 2900 करोड़ के टेंडर भी रद्द कर दिए गए हैं। मंजूरी मिलने के बाद इस प्रकल्प पर अब करीब 15 हजार करोड़ रुपए का खर्च आने की संभावना है। इस परियोजना से किसानों की आत्महत्या के लिए पहचाने जाने वाले यवतमाल जिले के साथ ही चंद्रपुर और तेलंगाना के आदिलाबाद को भी सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा।
नए डिजाइन के तहत अब सिंचाई बांध के लिए पाइप कैनाल विधि का इस्तेमाल किया जाएगा। राज्य में पहली बार ये प्रयोग किया जाएगा, जिसके तहत जमीन से चार फीट की गहराई में पाइप लाइन डाली जाएगी। इसी तर्ज पर गोसीखुर्द बांध से निकाली जा रही नहर का कुछ हिस्सा तैयार किया गया है। इससे प्रोजेक्ट की लागत में भी कमी आएगी।
2900 करोड़ रुपए के पुराने सभी टेन्डर रद्द
परियोजना शुरुआत से ही विवादों के घेरे में रही है। इस प्रकल्प के लिए 15 हजार 800 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसकी हद में 95 गांव आ रहे हैं। इनमें से 47 आदिवासी गांव हैं। जहां पैसा कानून लागू होने से पुनर्वास के लिए कानूनी मंजूरी जरूरी है। लेकिन साल 2008 में स्वीकृति मिलने के बाद बनने वाली नहर के लिए गैर कानूनी तरीकों से टेंडर पास कर दिए गए। ठेकेदारों को इसके काम के लिए 15 प्रतिशत की अग्रिम राशि का भुगतान भी कर दिया गया।
प्रारंभिक स्तर पर हो रहे इस भ्रष्टाचार का मामला विधानसभा में भी उठा। जिसके बाद तत्कालीन आघाड़ी सरकार ने 2014 में दो हजार करोड़ से ज्यादा के टेंडर रद्द कर दिए थे। बचे 900 करोड़ के टेंडर वर्तमान भाजपा सरकार ने हाल ही में रद्द किए। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में अब तक 312 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
चार चेकडैम कम किए
नए प्रस्ताव में नहर पर चार चेकडैम के साथ सहस्त्रकुंड हायड्रोलिक पॉवर प्रोजेक्ट का काम हटा दिया गया है। अब चैकडेम के लिए अलग से योजना बनाकर मंजूरी ली जाएगी जबकि सहस्त्रकुंड प्रोजेक्ट का काम नांदेड़ विभाग को सौंपा गया है। इसके अलावा भूमि अधिग्रहण के लिए 146 करोड़ रुपए की मांग की गई है।
खर्च में तेलगांना भी सहभागी
परियोजना की लागत का 88 प्रतिशत महाराष्ट्र सरकार जबकि 12 प्रतिशत खर्च तेलगांना सरकार उठाएगी। उसी के अनुसार पानी का भी बंटवारा होगा। अंतरराज्यीय प्रकल्प होने के कारण इसका समावेश राष्ट्रीय प्रकल्प में करने का भी प्रयास किया जा रहा है।
Created On :   31 July 2018 3:35 PM IST