लेंस बाहर से खरीदकर लाने को मजबूर मरीज, सरकारी को घटिया बता रहे डाक्टर 

The patient forced to bring out the lens from purchasing outside
लेंस बाहर से खरीदकर लाने को मजबूर मरीज, सरकारी को घटिया बता रहे डाक्टर 
लेंस बाहर से खरीदकर लाने को मजबूर मरीज, सरकारी को घटिया बता रहे डाक्टर 

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने सरकार तरह-तरह की योजनाएं चला रही है लेकिन इन योजनाओं को उसके अपने ही विभाग के लोग धता बताने पर तुले हुए हैं।   तुकड़ोजी चौक के समीप  निजी नियाक्षी अस्पताल में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। अस्पताल में उपचार करने पहुंची महिला को आंखों के लिए लेंस बाहर से खरीदकर लाने के लिए मजबूर किया गया। हालांकि केन्द्र सरकार की स्वास्थ्य योजना से जुड़े अधिकारी अब अस्पताल को नोटिस जारी करने की जानकारी दे रहे हैं। केंद्र सरकार के विभागों से जुड़े कर्मचारियों और उनके परिजनों के लिए स्वास्थ्य योजना आरंभ की गई है। सेमिनरी हिल्स स्थित केंद्रीय स्वास्थ्य योजना कार्यालय के माध्यम से योजना पर अमल किया जाता है। योजना में बीएसएनल, सेना, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग समेत अन्य विभागों के कर्मचारियों, सेवानिवृत्तकर्मियों एवं उन पर आश्रित परिवार के सदस्यों को लाभ के दायरे में रखा गया है। केंद्रीय कार्यालयों के कर्मचारियों को योजना के लाभ में शामिल कर स्मार्ट कार्ड दिया जाता है। स्मार्ट कार्ड के आधार पर कर्मचारी एवं आश्रित परिजनों को स्वास्थ्य संबंधित उपचार की सुविधा मिलती है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उन पर आश्रित परिजनों को सेवा का लाभ पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। योजना में कैंसर, हार्ट रोग, ब्रेन आदि के अलावा आर्गन ट्रांसप्लांट तक की सुविधा मिलती है। 
वसूल रहे मनमाने दाम
योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए निजी अस्पतालों, पैथालॉजी लैबोरेटरी, दंत चिकित्सा केन्द्र, फिजियोथेरेपी के 70 से अधिक केंद्रों को जोड़ा गया है। लेकिन योजना से जुड़े निजी अस्पतालों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर मनमाने दाम वसूल किए जा रहे हैं। हाल ही में शहर के तुकड़ोजी पुतले के समीप स्थित निजी अस्पताल में सेना के पूर्व कर्मचारी की पत्नी को इसका शिकार होना पड़ा है। सेवानिवृत्त कर्मचारी की पत्नी कमलाबाई (परिवर्तित नाम) आंखाें के कैटरेक्ट ऑपरेशन के लिए तुकड़ोजी पुतले के समीप निजी अस्पताल गई थीं, लेकिन अस्पताल के प्रबंधन द्वारा योजना में मिलने वाले लेंस को निम्न श्रेणी का बताया गया और बाजार से दूसरा लेंस खरीदने के लिए मजबूर किया गया। इतना ही नहीं लेंस को बाजार से खरीदने के बदले अलग से 5,000 रुपए भी वसूल लिए गए। हालांकि योजना से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक अस्पताल किसी भी परिस्थिति में मरीज से इस तरह रकम को नहीं वसूल सकते हैं।

बाहर से खरीदी की अनुमति नहीं :  योजना के तहत मरीज की सुविधा को देखते हुए संलग्न अस्पतालों के लिए नियमावली बनाई गई है। सभी प्रकार के उपचार के लिए दर सूची भी दी गई है। दर सूची के तहत ही मरीजों को बेहतरीन अस्पताल मुहैया कराना अस्पतालों की जिम्मेदारी है। निर्धारित दर एवं उपचार सामग्री के लिए अतिरिक्त अथवा अधिक रकम को अस्पताल नहीं वसूल सकते हैं। अस्पतालों द्वारा ऐसा करने पर कार्रवाई की जाती है।  
-डाॅ डी डी टिकस, अतिरिक्त निदेशक, केन्द्रीय स्वास्थ्य योजना, सेमिनरी हिल्स, नागपुर

Created On :   18 Dec 2017 2:53 PM IST

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