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चालान पहुंचाकर ही डाक विभाग ने सालभर में कमा लिए 62 लाख रुपए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ऑनलाइन चालान सिस्टम शुरू होने के बाद डाक विभाग नागपुर ने एक साल में कमीशन के रूप में 62 लाख रुपए का राजस्व कमाया है। यातायात पुलिस का ऑनलाइन सिस्टम डाक विभाग के लिए राजस्व प्राप्त करने का जरिया बन गया है। डाक विभाग को एक डाक पहुंचाने पर 5 से 20 रुपए तक का कमीशन यातायात पुलिस विभाग की तरफ से मिलता है।
नवंबर 2016 में ऑनलाइन चालान सिस्टम हुआ था शुरू
यातायात पुलिस विभाग (शहर) ने नवंबर 2016 में ऑनलाइन चालान सिस्टम शुरू किया। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का फोटो निकालकर चालान की कॉपी उनके घर पहुंचाई जाती है। फोटो निकालने का काम यातायात पुलिस के जवान करते हैं आैर वाहन चालकों के घर चालान कापी पहुंचाने का काम डाक विभाग के डाकिए करते हैं।
(होम डिलीवरी) कमीशन के रूप में 62 लाख रुपए का राजस्व
डाक विभाग को दिसंबर 2016 से नवंबर 2017 यानी एक साल में चालान कॉपियां पहुंचाकर (होम डिलीवरी) कमीशन के रूप में 62 लाख रुपए का राजस्व मिला। डाक विभाग को यह कमीशन यातायात पुलिस विभाग की तरफ से मिला। चालान की कॉपी घर पहुंचने पर संबंधित व्यक्ति को चालान (जुर्माना) राशि डाक कार्यालय में जमा करनी पड़ती है। तय समय में जुर्माना राशि डाक कार्यालय में जमा नहीं करने पर यातायात पुलिस संबंधित व्यक्ति के खिलाफ न्यायालयीन कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
95 फीसदी चालान की राशि हुई जमा
डाकिए के माध्यम से जितने चालान वाहन चालकों के घर पहुंचाए (होम डिलीवरी) गए, उसे बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला है। देखने में आया है कि चालान घर पहुंचने पर 95 फीसदी लोगों ने डाक कार्यालय में जुर्माना राशि जमा की। बचे हुए 5 फीसदी मामलों में कुछ कोर्ट पहुंचे आैर कुछ मामलों में वाहन मालिक वाहन किसी अन्य को बेच चुका है। कुछ ऐसे भी बिरले मामले हैं, जिसमें किसी का चालान किसी दूसरे के नाम से बन गया।
लोगों में अवेयरनेस बढ़ी
डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यातायात पुलिस ने डाक विभाग को जो जिम्मेदारी दी, विभाग उसे निभा रहा है। यह केवल कमीशन का मामला नहीं है। शहरवासियों में यातायात के प्रति अवेयरनेस बढ़ी है आैर यह समाज के लिए अच्छी बात है। पहले वाहन चालक हेलमेट पहनकर कम ही निकलते थे। इस सिस्टम के बाद हेलमेट पहनने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है। 100 फीसदी चालान की होम डिलीवरी करना है, यही उद्देश्य लेकर विभाग काम कर रहा है। जितना कमीशन तय हुआ है, उतना विभाग को मिल रहा है।
Created On :   3 Jan 2018 5:40 PM IST