मनरेगा से संवरेगा जर्जर सिंहपुर नहर का स्वरूप

The shape of the dilapidated Singhpur canal will be improved from MNREGA
मनरेगा से संवरेगा जर्जर सिंहपुर नहर का स्वरूप
शहडोल मनरेगा से संवरेगा जर्जर सिंहपुर नहर का स्वरूप

डिजिटल डेस्क,शहडोल।जर्जर हो चुकी पुरानी जल संरचनाओं को नया रूप देने के लिए पहली बार इसे मनरेगा योजना में शामिल किया गया है। पहले चरण में सिंहपुर नहर को शामिल किया गया है। जिसके लिए दो फेज में २० लाख रुपए की मंजूरी जल संसाधन विभाग को मिल चुकी है। यह कार्य सोमवार से शुरु हो सकता है। पहले चरण में नरगी तथा उधिया से लगी नहर की साफ-सफाई तथा मरम्मत का कार्य कराया जाएगा।
३गौरतलब है कि करीब ५ दशक पूर्व निर्मित सिंहपुर नहर जिले की सबसे पुरानी व बड़ी परियोजना थी। लेकिन मरम्मत के अभाव में इसकी हालत दिन ब दिन जर्जर होती चली गई। एक मात्र डायवर्सन नहर सिंहपुर बियर समुचित देखरेख के अभाव में खराब हो चुकी है। पानी नहीं मिलने के कारण रबी सीजन की खेती अब बंद हो चुकी है। खरीफ सीजन में भी वर्षा कम होने के कारण धान की फसल सूख जाती है। इस वर्ष ही दर्जनों किसानों की फसलें सूख गईं। इसी प्रकार जिले के गोहपारू, जयङ्क्षसहनगर, ब्यौहारी आदि की अनेकों योजनाओं जर्जर हो चली हैं। मरम्मत नहीं होने के कारण किसान लाभ से वंचित हैं।
विभाग में बजट का अभाव
जिले में दर्जनों ऐसी पुरानी जल संरचनाएं हैं जो मरम्मत व देखरेख के अभाव में जर्जर हो गई हैं। जिनका लाभ किसानों को सिंचाई के लिए नहीं मिल पा रहा है। बांध, तालाब सहित नहरों की हालत खस्ता हो गई है। ऐसे में सैकड़ों किसानों को पानी नहीं मिल पाता। जल संसाधन विभाग के पास मरम्मत के नाम पर इतनी राशि नहीं आती कि इनका जीर्णोद्धार कराया जा सके। ऐसे में योजनाएं साल दर साल जर्जर होकर अनुपयोगी होती जा रही हैं। जल संमितियां भी बीते दो वर्ष से भंग पड़ी हुई हैं। जिसके कारण समिति के माध्यम से नहरों की साफ-सफाई का कार्य बेहतर ढंग से नहीं हो पा रहा है।
जिला पंचायत को भेजा था प्रस्ताव
जल संसाधन विभाग ने ऐसी पुरानी संरचनाओं की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का कार्य मनरेगा में शामिल करने का प्रस्ताव जिला पंचायत को भेजा था। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में गत वर्ष ही जल संरचानाओं के कार्य शामिल किए गए हैं। अभी तक योजना में नई योजनाओं के निर्माण कार्य को शामिल किया गया था। अब मरम्मत व जीर्णोद्धार जैसे कार्य भी मरनेगा में हो पाएंगे। जिससे रोजगार के साथ किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी भरपूर मिल सकेगा। 
इनका कहना है
पुरानी जल संरचनाओं की मरम्मत का बजट विभाग के पास बहुत कम होता है। इसलिए मनरेगा में शामिल करने का प्रस्ताव जिला पंचायत को भेजा गया था, जहां से मंजूरी मिल चुकी है। पहले चरण में २० लाख मंजूर हुए हैं।

Created On :   21 Feb 2022 2:58 PM IST

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