यूनिवर्सिटी को न तो उत्कृष्ट प्राचार्य मिले, न ही उत्कृष्ट शिक्षक, सभी के आवेदन अपात्र

The University has neither get excellent principal nor excellent teachers
यूनिवर्सिटी को न तो उत्कृष्ट प्राचार्य मिले, न ही उत्कृष्ट शिक्षक, सभी के आवेदन अपात्र
यूनिवर्सिटी को न तो उत्कृष्ट प्राचार्य मिले, न ही उत्कृष्ट शिक्षक, सभी के आवेदन अपात्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके विविध श्रेणियों में पुरस्कार वितरित करता है। पत्र परिषद में यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने जब इस वर्ष के पुरस्कारों की घोषणा की तो सामने आया कि यूनिवर्सिटी ने इस साल उत्कृष्ट पुरस्कारों की पात्रता इतनी कड़ी कर दी थी कि जिन गिने-चुने उम्मीदवारों ने पुरस्कार के लिए आवेदन किया। इस वर्ष उत्कृष्ट प्राचार्य और उत्कृष्ट शिक्षक (समाज सेवक) श्रेणी में यूनिवर्सिटी को जिन एक-एक उम्मीदवारों के आवेदन मिले, वे भी अपात्र साबित हुए। इन दोनों श्रेणियों में यूनिवर्सिटी इस साल एक भी पुरस्कार नहीं देगा। वहीं सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाला एक भी उत्कृष्ट शिक्षक यूनिवर्सिटी को नहीं मिल पाया। इससे स्पष्ट है कि अब सामाजिक जिम्मेदारियों का वहन करने वाले शिक्षक बिरले ही बचे हैं। शिक्षा के बाजारीकरण के दौर में अधिकांश शिक्षकों का रवैया भी प्रोफशनल हो गया है। 

इस वर्ष किया नीतियों में बदलाव 
पिछले वर्ष तक नागपुर विश्वविद्यालय शिक्षक दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट शिक्षक, उत्कृष्ट शिक्षक (सामाजिक कार्य), उत्कृष्ट रिसर्चर और उत्कृष्ट लेखक की श्रेणी में पांच-पांच पुरस्कार देता था, लेकिन इस बार यूनिवर्सिटी ने फैसला किया था कि पुरस्कारों की संख्या कम की जाएगी। यूनिवर्सिटी ने एक विशेषज्ञ समिति गठित की और पुरस्कारों की पात्रता कड़ी कर दी। यहां तक की विविध गुणों के मूल्यांकन के बाद 45 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को ही पुरस्कार के लिए पात्र करार दिया गया। यूनिवर्सिटी का इस बदलाव के पीछे दावा था कि समय के साथ विश्वविद्यालय को अपनी पुरस्कार देने की नीति में बदलाव करना जरूरी हो गया था।  

त्कृष्ट शिक्षक की श्रेणी हो या अन्य कोई, इसमें पहले पांच-पांच पुरस्कार दिए जाते थे। मगर पुरस्कार का नाम अगर उत्कृष्ट है, तो किसी एक व्यक्ति को ही उत्कृष्ट माना जाना चाहिए, न कि अनेक व्यक्तियों को एक ही उत्कृष्टता का पुरस्कार दिया जाना चाहिए। लेकिन इस साल यूनिवर्सिटी की यह तरकीब उलटी पड़ती नजर आ रही है। बीते कई वर्षों से जारी  उत्कृष्ट पुरस्कारों की परंपरा इस वर्ष दो श्रेणियों में बगैर किसी पुरस्कार के साथ टूटने वाली है। 

Created On :   4 Sept 2018 3:42 PM IST

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