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पुण्यात्माओं को मिलते हैं सच्चे संत-महात्माओं के दर्शन
डिजिटल डेस्क,शहडोल। वो लोग बड़े पुण्यात्मा होते हैं, जिन्हें संत-महात्माओं की दर्शन मिल जाते हैं और भारत की धरती ऐसी है जहां संत-महात्माओं के दर्शन हमेशा मिलते ही रहते हैं। उक्त उद्गार मुनिश्री सुव्रतसागर जी महाराज ने 1008 श्री पावनाथ दिगंबर जैन मंदिर शहडोल में पारस विद्या भवन में उपस्थित चातुर्मास की धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर मुनि श्री ने कहा कि जब हमारे एक भव का पुण्य एकत्रित होता है तब हमें किसी इंसान के दर्शन मिलते हैं और जब दो भव का पुण्य एकत्रित होता है तो सामान्य से त्यागी व्रतियों के दर्शन मिलते हैं इसलिए जब हमें इंसान मिले तो हाथ जोडक़र जय जिनेंद्र कर लेना चाहिए और त्यागी व्रतियों का सम्मान करते रहना चाहिए। जब 20 जन्मों का पुण्य इसका होता है तो किसी दिगंबर साधु का दर्शन होता है, अपने जीवन को धन्य बनाने के लिए दिगंबर साधुओं के दर्शन करते रहना चाहिए। अगर आपको दिगंबर साधुओं का साक्षात दर्शन हो रहा है तो यह आपके पुण्य की प्रबलता है जो आपको दिगंबर साधुओं का दर्शन करा रही है। मुनि श्री ने कहा कि अगर हमारे जीवन में भगवंत नहीं है तो चल जाएगा किंतु अगर संतों का समागम नहीं है तो नहीं चल सकता क्योंकि संत वह महापुरुष होते हैं जो आपको भगवंत ओ से मिलवाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
Created On :   9 Aug 2022 3:07 PM IST