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PWD से परमिशन के बगैर लगे हैं इनर रिंग रोड पर 42 मोबाइल टाॅवर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के इनर रिंग रोड पर लगे 42 मोबाइल टाॅवर अवैध रूप से लगाए गए हैं। यह खुलासा पीडब्ल्यूडी विभाग ने एक आरटीआई में मांगी गई जानकारी में किया है। ये सभी मोबाइल टॉवर चार वर्ष पहले लगाए गए हैं। आरटीआई में यह जानकारी सूरज लोंदगे ने मांगी थी। पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से साफ किया गया है कि उनसे टाॅवर लगाए जाने के लिए अनापत्ति पत्र नहीं लिया गया है। जबकि मनपा ने बताया कि 18 टाॅवरों के लिए अनापत्ति पत्र जारी किया गया है। संबंधित टाॅवरों के मामले में पीडब्ल्यूडी और मनपा से एनओसी लिया जाना था। यहां तक कि कई टाॅवर बीच रोड पर इस तरह लगे हैं कि उनसे ट्रैफिक की नियमित आवाजाही में बाधा उत्पन्न हो रही है। नियमानुसार सड़क के किनारे वृहत आकार के टाॅवर नहीं लगाए जा सकते हैं। जबकि ये सभी ये सभी ग्राउंड बेस्ड मास्ट(जीबीएम) हैं। राधे मंगलम चौक, ऑटोमोटिव चौक और भारत नगर चौक पर ये टाॅवर बिलकुल बीच सड़क पर डिवाइडर पर लगे हुए हैं।
रोड डिवाइडर की चौड़ाई ज्यादा
इनर रिंग रोड पर रोड डिवाइडर की चौड़ाई हर जगह समान नहीं है। कई जगह टाॅवर को खड़ा करने के लिए डिवाइडर की चौड़ाई बढ़ाई गई है। यहां तक कि कई टाॅवर अनुमति लेने के बाद दूसरी जगह पर लगाए गए हैं। राधे मंगलम चौक पर लगाए गए टाॅवर के लिए अनुमति पडोले चौक पर ली गई थी।
मोबाइल टाॅवर का स्वास्थ्य पर प्रभाव
मोबाइल टाॅवर से पर्यावरण व मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर बहस जारी है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि टाॅवर से निकलने वाले रेडिएशन से स्वास्थ्य व पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पशु-पक्षी भी प्रभावित होते हैं। ऐसे में शहर के समाजसेवी शहर के बीचो-बीच मोबाइल टाॅवर लगाए जाने पर चिंता जाहिर कर रहे हैं। कई शहरों में आवासीय क्षेत्रों में मोबाइल टाॅवर लगाए जाने का विरोध किया जा रहा है।
जरूरी है अनापत्ति पत्र लेना
नियमानुसार मोबाइल टाॅवर लगाने के लिए जहां उसे लगाया जा रहा है उस स्थान की जिम्मेदारी लेने वाले विभागों से अनापत्ति पत्र लिया जाना जरूरी है। इनर रिंग रोड पर लगाए गए मोबाइल टाॅवरों के लिए पीडब्ल्यूडी और मनपा से एनओसी ली जानी थी।
Created On :   7 Sept 2019 4:52 PM IST