सिलेबस में ड्रामा सब्जेटक्ट कंपल्सरी हो : प्रो. शर्मा

There is a drama subject compulsory in syllabus said professor suresh sharma
सिलेबस में ड्रामा सब्जेटक्ट कंपल्सरी हो : प्रो. शर्मा
सिलेबस में ड्रामा सब्जेटक्ट कंपल्सरी हो : प्रो. शर्मा

डिजिटल डेस्क,  नागपुर।  जिस तरह से पाठ्यक्रमों में म्यूजिक, डांस और अदर एक्टिविटी को स्थान दिया गया है, उसी तरह ड्रामा का भी एक सब्जेक्ट सिलेबस में होना चाहिए। गोवा में नाटक विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। सरकार से लगातार इस बारे में हमारी बात चल रही है। यह बात राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रभारी संचालक प्रो. सुरेश शर्मा ने भारत रंग महोत्सव के संदर्भ में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।

उन्होंने बताया कि 21वें भारत रंग महोत्सव का आयोजन 9 से 15 फरवरी तक साईं सभागृह शंकर नगर में किया जाएगा। कार्यक्रम का उद्घाटन शाम 6 बजे केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी करेंगे। प्रमुख अतिथि नाट्यकर्मी मधु जोशी उपस्थित रहेंगे। महोत्सव समन्वयक डॉ. विनोद इंदुरकर हैं। 9 फरवरी को महोत्सव का शुभारंभ मुंबई विजन ग्रुप के "एक झंुज वार्यशी" नाटक से होगा। नाटक का लेखन पु. ल. देशपांडे का है तथा श्रीनिवास ने निर्देशित किया है। अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में रशियन, अमेरिकन, गुजराती, बंगाली, हिंदी और मराठी नाटकों का मंचन किया जाएगा। 

रंगकर्मी अभावों में पनपता है
जब श्री शर्मा से यह सवाल किया गया कि युवा दिल्ली ड्रामा स्कूल की तरफ क्यों जाना पसंद करते हैं, तो उन्होंने कहा कि ड्रामा स्कूल में प्रयोग किया जाता है, जबकि विश्वविद्यालयों की बात करें, तो यहां पर सैद्धांतिक प्रशिक्षण दिया जाता है। श्री शर्मा ने कहा कि किसी भी संस्था का इंफ्रास्ट्रक्चर मात्र अच्छा होने से बात नहीं बनती है, वहां की फैकल्टी किस तरह की है और वो स्टूडेंट्स को किस तरह से गाइड कर रही है, यह बात मायने रखती है। रंगकर्मी जब भी पनपता है, तो वह अभावों में ही पनपता है। कम शब्दों में अपनी बातें कैसे रखना है, यह नाटक सिखाता है। नाटक के क्षेत्र में भी मॉडर्न टेक्नोलॉजी आ गई है। भारत रंग महोत्सव आयोजित करने का उद्देश्य कलाकारों को मॉडर्न टेक्नोलॉजी से रूबरू कराना है। पत्रकार वार्ता में डॉ. राजन ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय एनएसडी के बारे में जानकारी दी। 

इन नाटकों की होगी प्रस्तुति
9 फरवरी से 15 फरवरी प्रतिदिन शाम 6 बजे से विभिन्न नाटकों का मंचन किया जाएगा, जिसमें "एक झंुज वार्यशी","लहरिर राजहंसों","काला याने अंधेरा","लाइव न्यूक्स","गीत गोविंदो","ज्दरिबिता","द वारियर वुमन","मग्न तलयाकाठी" का मंचन होगा। नाटक  राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा चुने गए तकनीकी विशेषज्ञों के सहयोग से प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें यशवंत निकोसे, गजेन्द्र प्रसाद नायक, संगीत टिपले, पीयूष धुमकेकर, डॉ. रवीन्द्र हरिदास शामिल हैं। नाटक के मंचन का तकनीकी पक्ष शहर के कलाकार स्वप्निल बोहाटे, किशोर बत्तासे और सुमित शेंडे संभालेंगे।
 

Created On :   8 Feb 2020 1:44 PM IST

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