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यहां इमरजेंसी में भी नहीं होती HIV जांच, लक्षणों से लगाते हैं अनुमान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) में इमरजेंसी में HIV जांच नहीं होती है, जबकि इमरजेंसी या किसी अन्य ऑपरेशन के पहले जांच जरूरी होती है। हैरानी की बात यह है कि, यह जांच दो माह से बंद है।अस्पताल प्रबंधन गहरी नींद में है, जबकि मरीज के अॉपरेशन के पहले और बाद में जांच की जरूरत पड़ती है। यही नहीं उपचार के दौरान कई मरीजों की दिन में दो बार जांच करवानी पड़ती है। मरीजों की सामान्य जांच करवाने के लिए भी बाहर जाना पड़ रहा है।
ये प्रमुख जांच है बंद
सीरम इलेक्ट्रोलाइट के साथ ही कैजुअल्टी में आने वाले हार्ट अटैक के मरीजों की सीपीके एमबी, पीटी आईएनआर ब्लड की थिकनेस की जांच भी नहीं होती है। पेनक्रियाटिक्स मरीज के लिए सीरम लिपास भी बाहर से करवाना पड़ता है।
रीजेंट की डिमांड भेजी गई है
कर्मचारियों ने बताया कि, जांच के लिए उपयोग में लाया जाने वाला कैमिकल (रीजेंट) की डिमांड भेजी गई थी, लेकिन विभाग प्रमुख का कहना है कि, वह उपलब्ध नहीं है, इसलिए पिछले दो माह से सामान्य जांच भी बंद पड़ी है।
भगवान भरोसे चलता है उपचार
जांच नहीं होने पर मरीजों का उपचार भगवान भरोसे चलता है। यह हैरान कर देने वाली बात है, पर सच है कि, डॉक्टर अनुमान लगाने को मजबूर हो जाते हैं कि, उसका लेवल कितना होगा, क्योंकि हर बार बाहर से जांच करवाना संभव नहीं होता है और मरीज के पास इतने पैसे भी नहीं होते हैं। इतना ही नहीं HIV की जांच के लिए भी डॉक्टरों को अंदाजा लगाना पड़ता है और यदि उन्हें संदेह होता है, तो वह जांच करवाते हैं।
लक्षणों से लगाते हैं अनुमान, नहीं जांच जरूरी
अनुभव के आधार पर डॉक्टर उपचार करते हैं, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि उपचार के लिए जांच नहीं करवाएंगे। मरीज में दिखने वाले लक्षणों की कई सारी वजह हो सकती हैं, जिनको जांच के आधार पर ही हम तय करते हैं और जांच रिपोर्ट के आधार पर सुधार करते जाते हैं। (डॉ. अविनाश वासे, पैथोलॉजिस्ट)
Created On :   23 April 2018 1:05 PM IST