शौचालय अनुदान वितरण में हुई धांधली की होगी जांच

There will be investigation of rigging in toilet grant distribution
शौचालय अनुदान वितरण में हुई धांधली की होगी जांच
घोषणा शौचालय अनुदान वितरण में हुई धांधली की होगी जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। छत्रपति संभाजीनगर के गंगापुर तहसील में व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण के लिए अनुदान वितरण में हुई अनियमितता की जांच की जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटील ने यह घोषणा की। मंगलवार को प्रश्नकाल में राकांपा के सदस्य सतीश चव्हाण ने अनुदान वितरण में गबन होने के संबंध में सवाल पूछा था। 

पाटील ने कहा कि गंगापुर तहसील में 1800 लाभार्थियों को शौचालय बनाने के लिए अनुदान मंजूर हुआ था। संबंधित अधिकारी ने प्रति लाभार्थी ऑनलाइन 12 हजार रुपए का अनुदान वितरित करने का दावा किया था। लेकिन वास्तव में लाभार्थियों तक अनुदान पहुंचा ही नहीं था। इसके बाद मैंने जब विधान परिषद में इस बारे में सवाल पूछने के लिए प्रश्न भेजा तो एक महीने बाद संबंधित लाभार्थियों को अनुदान वितरित कर दिया गया। चव्हाण ने कहा कि यदि मैंने विधान परिषद में इस मुद्दे को उठाने के लिए सवाल नहीं भेजा होता तो लाभार्थियों को अनुदान नहीं मिल पाता। 

इसके जवाब में मंत्री पाटील ने कहा कि पीएफएमएस प्रणाली पर ऑनलाइन दिख रहा था कि लाभार्थियों को शौचालय अनुदान दिया जा चुका है। लेकिन प्रत्यक्ष रूप से लाभार्थियों को अनुदान नहीं मिला था। यह शोध का विषय है कि ऐसा कैसे हुआ। पाटील ने कहा कि इस मामले में गबन नहीं हुआ है लेकिन अनियमितता निश्चित हुई है। इसलिए तत्कालीन बीडीओ की जांच की जाएगी। बीडीओ सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन यदि जांच में दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पाटील ने कहा कि गंगापुर तहसील में बचे हुए 197 लाभार्थियों को अगले आठ दिनों में अनुदान वितरित कर दिया जाएगा। वहीं पाटील ने लिखित जवाब में बताया कि केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के दूसरे चरण के तहत मराठवाड़ा संभाग के 8 जिलों में 66 हजार 735 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण हुआ है। इसमें से 47 हजार 626 लाभार्थियों को अनुदान वितरित किया जा चुका है। जबकि 19 हजार 109 लाभार्थियों को अनुदान देना बाकी है।
 


 

Created On :   14 March 2023 3:57 PM GMT

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