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दैनिक भास्कर हिंदी: अनलॉक-वन के तहत मिलेंगी ये छूटें, इन पर रहेगा प्रतिबंध, आदेश जारी

डिजिटल डेस्क जबलपुर। जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से भारत सरकार और राज्य सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के पालन में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी भरत यादव ने पूर्व के आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए आज एक आदेश जारी कर संपूर्ण जबलपुर जिले को अनलॉक-वन के तहत विभिन्न गतिविधियों सशर्त अनुमति प्रदान की है । जिला दंडाधिकारी श्री यादव ने नगर निगम क्षेत्र को तीन भागों कंटेनमेंट जोन,बफर जोन एवं ग्रीन जोन में विभाजित कर इन क्षेत्रों में संचालित की जा सकने वाली गतिविधियों के संबंध में भी निर्देश दिए हैं।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक कन्टेनमेन्ट जोन में सभी प्रकार की गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी । कन्टेनमेन्ट जोन से जुड़े बफर जोन में स्टैंड अलोन दुकानें, राज्य शासन से लायसेंस प्राप्त दुकानें एवं मोहल्ला की दुकानें खोली जा सकेंगी । बफर जोन में बाजारों और बाजार परिसर में स्थित दुकानें ऑड-ईवन प्रणाली से खोली जा सकेंगी । हाथ ठेला, हेयर कटिंग सेलून एवं पार्लर तथा पान-गुटखा की दुकानें बंद रहेंगीं । बफर जोन में आवश्यक वस्तुओं की दुकानें जैसे मेडिकल स्टोर्स, दूध, फल-सब्जी आदि की दुकानें खुली रहेंगी तथा ऑड-ईवन प्रणाली से मुक्त रहेंगीं ।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी बफर जोन को कन्टेनमेन्ट जोन घोषित होने की स्थिति में ये छूटें तत्काल प्रभाव से निरस्त हो जाएंगी ।
आदेश में ग्रीन जोन में सभी शासकीय एवं निजी कार्यालयों को पूरी क्षमता के साथ खुलने की अनुमति दी गई है । सभी शासकीय कार्यालयों में अधिकारियों की उपस्थिति शत प्रतिशत रहेगी । आदेश में कहा गया है कि ग्रीन जोन में बाजार ऑड-ईवन प्रणाली से मुक्त रहेंगें और यहाँ गैर अनुमत गतिविधियों को छोड़कर सभी प्रकार की दुकानें स्टैंड अलोन, मोहल्ला की दुकानें, बाजार व बाजार परिसर स्थित दुकानें खुली रहेंगी ।समस्त प्रकार के औद्योगिक संस्थान संचालित हो सकेंगे । खेल मैदान , स्पोट्र्स स्टेडियम केवल खिलाडिय़ों के अभ्यास के लिये खुलेंगे । खेल मैदान में दर्शक के रूप में कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं रहेगा ।
आदेश के मुताबिक ट्रांसपोर्ट गतिविधियां भारत सरकार के गृह मंत्रालय की गाइड लाइन में दिए गये दिशा निर्देशों के तहत संचालित होगी । इसके तहत यात्री बसों का संचालन 50 प्रतिशत क्षमता के साथ किया जाएगा । अंतरराज्यीय बसों का संचालन 7 जून तक बंद रहेगा । यात्र बसों के संचालन में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन और बसों का समय-समय पर सेनिटाईजेशन कराने और यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कराना होगी ।
सवारी ऑटो रिक्शा में चालक के अलावा पीछे की सीट पर केवल दो सवारी ही बैठ सकेगी । टैक्सी सर्विसेज में भी वाहन चालक के अलावा अधिकतम दो सवारी ही बैठ सकेगी ।
रेलवे सेवा प्रारम्भ होने पर रेलवे स्टेशनों में आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग व सामान लगेज का सेनिटाइजेशन रेल विभाग द्वारा किया जाएगा । गिरीं जोन में हाथ ठेला चायमान रहेंगें । किसी एक जगह पर उन्हें खड़ा नहीं किया जा सकेगा । कंटेन्मेंट जोन का कोई भी व्यक्ति ग्रीन जोन में नहीं आएगा ।
कंटेन्मेंट एवं बफर ज़ोन को छोड़कर पूरे जिले में हेयर कटिंग सेलून एवं पार्लर खोले जा सकेंगे । इसके लिये तय किये गये स्टेंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर का पसलन अनिवार्य रूप से करना होगा । हेयर कटिंग सेलून एवं पार्लर में बुखार, जुकाम, खांसी एवं गले मे खराश वाले व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णत: निषेध होगा । हैंड सेनिटाइजर को प्रवेश द्वार पर उपलब्ध कराना होगा । सभी केश शिल्पियों एवं स्टाफ के लिये फेस मास्क, हैंड कव्हर एवं एप्रन का उपयोग हर समय करना अनिवार्य होगा । हर ग्राहक के लिये अलग-अलग डिस्पोजेबल तौलिया अथवा पेपर का उपयोग करना होगा । सभी औजारों एवं उपकरणों को एक बार उपयोग करने के बाद सेनिटाइज करना होगा । प्रत्येक हेयर कट के बाद स्टॉफ को अपने हाथों को सेनिटाइज करना होगा । सभी कामन एरिया, फर्श, लिफ्ट, लाउंज, सीढिय़ों एवं हैण्ड रेल्स का डिसन्फेक्शन करना होगा । प्रत्येक सेलून चेयर में दो गज की दूरी रखना अनिवार्य होगा । दुकान के अंदर और बाहर भी ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखना होगा । सभी ग्राहकों को भी मास्क पहनना अनिवार्य होगा ।
आदेश के अनुसार राज्य के अंदर व बाहर आने - जाने के लिये पास की आवश्यकता नहीं होगी । व्यक्तियों एवं सामग्री के आवागमन पर कोई प्रतिबन्ध नहीं रहेगा और आवागमन के लिये अलग से किसी प्रकार की अनुमति , अनुमोदन का ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी ।
आदेश के अनुसार सार्वजनिक धार्मिक स्थल व पूजा स्थल, होटल्स, रेस्टारेंट्स और आतिथ्य सेवाएं सहित शॉपिंग मॉल्स बन्द रहेंगें । इन सभी को आठ जून के बाद शासन के निर्देशानुसार प्रारम्भ करने का निर्णय लिया जायेगा ।
आदेश के अनुसार मालगाड़ी वाहनों को अप्रतिबंधित आवागमन की अनुमति रहेगी ।
सभी शासकीय एवं निजी कार्यालयों में कार्यरत लोग तथा दुकानदार स्वयं एवं अपने सभी कर्मचारियों को मोबाइल पर आरोग्य सेतु और सार्थक एप इन्सटॉल करायेंगें और एप पर अपनी स्वास्थ की स्थिति को नियमित रूप से अपडेट करना होगा ।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर रात्रि 9 बजे से प्रात: 5 बजे के बीच सम्पूर्ण जिले में व्यक्तियों का आवागमन कड़ाई से प्रतिबंधित रहेगा । उल्लंघन पर प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी ।
प्रतिबंधित गतिविधियाँ :-
बफर एवं ग्रीन जोन में संचालित दुकानों के सामने बाइक एवं दुकान का सामान रखना प्रतिबंधित होगा । वाहन एवं बाइक आदि निर्धारित पार्किंग स्थल पर खड़ा करना होगा । सभी स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक, प्रशिक्षण , कोचिंग संस्थान बन्द रहेंगें । आन लाइन दूरस्थ शिक्षा की अनुमति रहेगी ।सभी सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, थियेटर, आडिटोरियम आदि तथा इस प्रकार के अन्य स्थान बन्द रहेंगें । धार्मिक मंडली पूर्ण रूप से बंद रहेगी । साथ ही सभी सामाजिक, राजनैतिक , खेल, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं अन्य समारोह वर्जित रहेंगे ।
सामान्य निर्देश :-
आदेश में कहा गया है कि सभी दुकानें प्रात: 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक खुल सकेंगीं, दुकानों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना, सार्वजनिक स्थलों पर फेस मास्क लगाना तथा सभी व्यक्तियों को सार्वजनिक स्थल एवं वाहनों से आवागमन के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा । सार्वजनिक स्थल पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं हो सकेंगें । शादी समारोह में वर-वधु सहित केवल 50 व्यक्तियों की अनुमति रहेगी । जबकि मृत्यु संस्कार के दौरान 20 से अधिक व्यक्ति शामिल नही हो सकेंगे । लेकिन मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने पर केवल पाँच व्यक्तियों को ही अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति होगी ।
सार्वजनिक स्थलों पर चाय, पान, गुटखा, सिगरेट, तम्बाखू का सेवन प्रतिबंधित रहेगा । कोई भी व्यक्ति अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलेगा । प्रत्येक दुकानदार सामग्री का विक्रय करते समय ग्राहकों से दो गज की दूरी का पालन कराने के लिये एक-एक मीटर की दूरी पर चूने की लाइन बनायेंगें । ग्राहक को एक-एक करके सामग्री देंगे तथा फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा ।
सभी क्षेत्रों में पैसठ बर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति , सह रुग्णता वाले व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और दस बर्ष से कम आयु के बच्चे गृह मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार घर पर रहेंगें । केवल चिकित्सा कारणों से ही इन्हें बाहर निकलने की अनुमति होगी । इस दौरान फेस मास्क व हैण्ड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा ।
विशेष निर्देश :-
कोविड-19 की रोकथाम हेतु
जारी समस्त सामान्य निर्देशों का पसलन कराने की जबाबदेही सम्बन्धित संस्था व विभाग की होगी । दुकानदार एवं ठेले से सामग्री विक्रय करने वाले विक्रेता, यह सुनिश्चित करेंगे की उनके पास आने वाले ग्राहक मास्क पहनकर ही आएं और यदि कोई ग्राहक बिना मादक पहने आता है तो उसे सशुल्क मास्क उपलब्ध कराएंगे ।
मास्क न पहनने पर पहली बार सम्बन्धित व्यक्ति , संस्था या दुकानदार दोनों पर न्यूनतम 100 रुपए एवं अधिकतम 250 रुपये तक का जुर्माना लगाया जायेगा । दुबारा इस नियम का उल्लंघन होने पर सम्बन्धित दुकान अथवा संस्था को सील करने की कार्यवाही की जाएगी । सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर 1200 रुपये का जुर्माना किया जाएगा ।
होम क्वारेन्टीन का उल्लंघन होने पर सबंधित व्यक्ति पर प्रथम समय 2000 हजार रुपए तथा दूसरी बार एफआईआर कराते हुए संस्थागत क्वारेन्टीन में भेजने की कार्यवाही की जाएगी ।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है तथा इसका उल्लंघन पाये जाने लर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी ।
वनमाली सृजनपीठ: बाल कलाकारों द्वारा राम भजन की मनमोहक प्रस्तुति
डिजिटल डेस्क, भोपाल। विश्वरंग के अन्तर्गत बाल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने वनमाली सृजनपीठ में रामभजन माला का आयोजन किया गया, जिसमें राम के भजनों की सुन्दर प्रस्तुति बच्चों के द्वारा दी गयी। कार्यक्रम का आरम्भ मालविका राव चतुर्वेदी के भजन- 'श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन' से हुआ। इसी कड़ी में स्वरा वत्स ने राम के विभिन्न रूपों का वर्णन करते हुए 'राम-राम दशरथ नन्दन राम' भजन से सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मोही और जयगी ने 'राम-राम सब नाम जपो', रेखा ने राग ख्याल में छोटे 'ख्याल' और कियारा ने 'राम भजो आराम तजो', निवेदिता सोनी ने 'श्याम का गुणगान करिये ' गाकर माहौल को राममय कर दिया।
कार्यक्रम के अगले चरण में मालविका द्वारा मीराबाई का प्रसिद्ध भजन 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' और स्वरा ने श्याम कन्हाई गाकर राम के साथ कृष्ण भक्ति से भी परिचय कराया। बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने 'राम भक्त ले चला राम की निशानी' और अन्य भजन गाकर बच्चों का हौसला बढ़ाया। इसके बाद सभी बच्चों की संगीत गुरु श्यामा ने अपना स्वचरित भजन 'राम नाम सुखदायक' की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे, वनमाली सृजनपीठ भोपाल के अध्यक्ष मुकेश वर्मा, आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, गेटसेट पेरेंट की निदेशक पल्लवी राव चतुर्वेदी, विश्वरंग की सहनिदेशक डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, नितिन वत्स, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए की सम्पादक डॉ. विनीता चौबे, प्रभा वर्मा, वनमाली सृजनपीठ की राष्ट्रीय संयोजक ज्योति रघुवंशी, टैगोर विश्वकला केन्द्र के निदेशक विनय उपाध्याय सहित बच्चों के अभिभावक और नाना-नानी, दादा-दादी भी उपस्थित रहे।
आईसेक्ट भोपाल: भैरोंपुर में विकास कार्यों के लिए विधायक रामेश्वर शर्मा का आईसेक्ट द्वारा किया गया अभिनंदन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मिसरोद स्थित स्कोप कैम्पस के पास भैरोंपुर गांव के लिए विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के संबंध में आईसेक्ट द्वारा एक अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक रामेश्वर शर्मा के अलावा पार्षद राजपूत जी, सलाहकार अरविंद मालवीय, आईसेक्ट समूह के चेयरमैन संतोष चौबे, आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी, मंडल अध्यक्ष तेज सिंह पटेल, मंडल उपाध्यक्ष मनीष जैन, आईसेक्ट संस्थान के एम्पलॉई, स्कोप कॉलेज के फैकल्टी, छात्र और भैरोंपुर गांव के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। इस दौरान मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि भैंरोपुर में माननीय विधायक रामेश्वर शर्मा जी के प्रयासों से भैरोंपुर-छान-मक्सी रोड को स्वीकृत किया गया है इसलिए हम आईसेक्ट संस्था और गांव के लोग एकत्रित हैं ताकि उन्हें आभार दे सकें और अभिनंदन दे सकें। आगे उन्होंने बताया कि स्कोप कैम्पस भविष्य में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ कौशल विश्वविद्यालय के रूप में भी जाना जाएगा जिससे इस गांव के छात्रों कौशल विश्वविद्यालय के माध्यम से करियर बना पाएंगे और एडमिशनल ले पाएंगे। यहां लगातार रोजगार मेलों का आयोजन होता है, भविष्य में भी प्रत्येक तीन माह में रोजगार मेलों का आयोजन किए जाने की योजना है। ऐसे में आवागमन को बेहतर बनाने और क्षेत्र के विकास में यह सड़क एक अहम रोल अदा कर पाएगी।
आईसेक्ट समूह के चेयरमैन संतोष चौबे ने स्कोप कैम्पस और भैंरोपुर गावं की ओर से विधायक रामेश्वर शर्मा का अभिनंदन करते हुए कहा कि लम्बे समय से भैरोंपुर- मक्सी- छान- सहारा सड़क पेंडिंग थी। परंतु अब विधायक जी के प्रयास से स्वीकृत हो गई है और टेंडर भी हो गया है। उन्होंने बताया कि यह सड़क भैरोंपुर से सहारा जाने के मार्ग की दूरी 5 किमी तक कम कर देती है। साथ ही यह सड़क निर्माण गांव के विकास में भी सहयोगी क्योंकि इससे नई कॉलोनियों का विकास सुगम हो जाएगा। इस विकास कार्य के लिए उन्होंने आश्वासन भी दिया कि इस सड़क के लिए आईसेक्ट ने अपनी जमीन छोड़ रखी है। इसके अलावा हम कलवर्ट (नाला) बनाने में भी सहयोग प्रदान करेंगे जिससे भविष्य में बारिश में होने वाली भराव की समस्या से भी निजात मिलेगी। आगे उन्होंने बताया कि स्कोप कैम्पस भविष्य में ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय के रूप में भी जाना जाएगा ऐसे में माननीय विधायक के सुझाव पर इसमें स्पोर्ट्स एकेडमी को भी रखे जाने की योजना है। इस विवि में सारे कौशल ट्रेड में प्रशिक्षण होगा और सभी प्रकार की लैब्स बनाई जा रही हैं। यह पूरे मध्य भारत का पहला कौशल विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाएगा। साथ ही संतोष चौबे ने अवगत कराया कि हमारे संस्थान में अधिकांश कार्य हिंदी में में ही होता है और हम शासन के साथ मेडिकल शिक्षा को हिंदी में प्रदान करने की पहल में शामिल हैं।
मुख्य अतिथि विधायक रामेश्वर शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के भी केंद्र होते हैं। बच्चे को शिक्षा, फैकल्टी को रोजगार के साथ ही आसपास व्यापार भी विकसित होता है। ऐसे मेरी शुभकामनाएं हैं कि संतोष चौबे जी शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रयास जारी रखें और भविष्य और भी विश्वविद्यालय खोलें। आगे उन्होंने कहा कि आज रोजगार की महती आवश्यकता है ऐसे में आवश्यक है कि ऐसी शिक्षा प्रदान की जाए जिससे छात्र स्वयं उद्यमी बनें और नए रोजगारों का सृजन करें। इसमें हमारी मातृभाषा एक अहम योगदान अदा कर सकती है क्योंकि अगर भारत में आधिकांश आबादी हिंदी समझने वाली है ऐसे में अंग्रेजी भाषा ग्रामीण अंचल के छात्रों में हीनता का भाव पैदा कर देती है और वे अपनी क्षमता के अनुरूप कार्य नहीं कर पाते और अक्सर पीछे रह जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि मातृभाषा में ज्ञान का प्रसार हो जिससे आत्मविश्वास भी बढ़े और विकास की रफ्तार भी।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रमुख सहयोग एडमिन टीम और उसके हैड मनमोहन सोनी का रहा।
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल: आठवें आईआईएसएफ में रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का स्टाल बना आकर्षण का केंद्र
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित हो रहे आठवें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का स्टाल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आईआईएसएफ के मेगा एक्सपो में एआईसी-आरएनटीयू के स्टार्टअप द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक बाइक को सभी के द्वारा खूब सराहा जा रहा है। यह बाइक एक बार चार्ज होने पर 80 किलोमीटर तक चलती है और इसकी दर 10 से 15 पैसे प्रति किलोमीटर आती है। यह स्टार्टअप जीवाश्म ईंधन का एक अच्छा विकल्प है। वहीं स्मार्ट सोलरी- आरएनटीयू के विद्यार्थियों ने सेंटर फार आईओटी एंड एडवांस्ड कम्प्यूटिंग के हेड डाॅ. राकेश कुमार के मार्गदर्शन में शिवम कुमार और शुभांषू कुमार ने यह इकोफ्रेंडली साइकिल बनाई है। जिसमें 48वाॅट की बैटरी का उपयोग किया गया है। यह सोलर पैनल, डायनेमो और चार्जिंग प्वाइंट से चार्ज होती है। फुल चार्ज होने पर 30 किलोमीटर तक चलती है। इसकी कीमत लगभग बीस से पच्चीस हजार है। यह साइकिल बाइक का किफायती विकल्प है। एआईसी-आरएनटीयू के निदेशक श्री नितिन वत्स ने बताया कि विश्वविद्यालय लगातार नवाचार पर फोकस कर रहा है और स्टार्टअप को सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं जिससे स्टार्टअप्स निकल रहे हैं।
विश्वविद्यालय के कृषि संकाय द्वारा जैविक उत्पाद जैसे काला नमक चावल, सोना मसूरी व लाल चावल को भी स्टाल में रखा गया है। जिंक और आयरन से भरपूर काला नमक चावल का वर्णन भगवान बुद्ध के संदर्भ में भी मिलता है। सोना मसूरी चावल के दाने मध्यम आकार के सफेद चमकीले होते हैं। माइक्रो न्यूटन से युक्त लाल चावल को छत्तीसगढ़ में काफी पसंद किया जाता है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर रिसर्च एक्सीलेंस के उपकरणों का डेमोंस्ट्रेशन भी किया जा रहा है। वहीं आइसेक्ट के रमन ग्रीन्स स्टाल में मिलेट के विभिन्न उत्पाद रखे गए। जिनमें कुकीज़, टोस्ट, खारी और स्नैक स्टिक की डिमांड लगातार बनी रही।
आरएनटीयू के स्टाल में आईसेक्ट पब्लिकेशन की ज्ञान विज्ञान, कौशल विकास तथा कला साहित्य की प्रकाशित पुस्तकों व पत्रिकाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है। जिसमें हिंदी में विज्ञान, तकनीक, पर्यावरण, स्वास्थ्य आदि विषयों पर पुस्तकें विशेषरूप से पसंद की जा रही हैं। स्कूली छात्रों से लेकर उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों तक के लिए उपयोगी पुस्तकें शामिल हैं। छह खंडों में अविभाजित मध्यप्रदेश के कथाकारों का 'कथाकोश' व 18 जिल्दों में भारत की हिंदी कहानियों का सम्यक कोश 'कथादेश', साथ ही हिंदी में विज्ञान और तकनीक पत्रिका 'इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए' व कला साहित्य की पत्रिका 'रंग संवाद' भी प्रदर्शित है। आईआईएसएफ में विज्ञान साहित्य उत्सव 2022 "विज्ञानिका" में विश्वविद्यालय की टीम ने सक्रिय भूमिका निभाई। है।
मनोरंजन: हरेक रीज़नल इंडस्ट्री की प्रतिभाओं को एक सशक्त मंच उपलब्ध कराने की कोशिश में जुटा हुआ है 'क्रिएटिव वाइब': संतोष खेर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एस. एस. राजामौली की फ़िल्म 'RRR' के मशहूर गाने 'नातू नातू' ने गोल्डन ग्लोब्स जीतकर एक बार फिर से यह साबित कर दिया है क्षेत्रीय सिनेमा भी विश्वभर में अपनी छाप छोड़ने का दमखम रखता है. पिछले साल क्षेत्रीय सिनेमा और ओटीटी ने ऐसे दमदार कंटेट से दर्शकों को रूबरू कराया दर्शकों की उम्मीदें आसमान छूने लगी हैं. सिनेमा को नई ऊंचाई पर ले जानेवालों में कई लोग मशक़्क़त कर रहे हैं और इनमें से एक अहम नाम है प्रोडक्शन हाउस 'क्रिएटिव वाइब' का. उल्लेखनीय है भाषाओं से परे यह प्रोडक्शन हाउस देशभर में मौजूद नायाब तरह के कंटेट की संभावनाओं को खंगाल रहा है और नई-नई प्रतिभाओं को आगे आने का मौका दे रहा है।
'क्रिएटिव वाइब' के संस्थापक संतोष खेर कहते हैं कि लोग ना सिर्फ़ गुणवत्तापूर्ण कंटेट देखना चाहते हैं, बल्कि वे चाहते हैं कि विभिन्न रीजनल इंडस्ट्रीज़ से जुड़े तमाम प्रतिभाशाली लोगों को काम करने के लिए उचित मंच भी उपलब्ध कराया जाए. वे कहते हैं, "हमारे देश में ऐसे प्रतिभाशाली लोगों की कोई कमी नहीं है जो गुमनाम हैं और ऐसे लोगों के बारे में आम दर्शकों को ज़्यादा कुछ पता भी नहीं होता है. हम सृजनकर्ताओं व पेशवर लोगों को आम दर्शकों के सामने लाएंगे जिसके चलते हम दुनियाभर के सिनेमा से मुक़ाबला करने में पूरी तरह से सक्षम साबित होंगे।"
'क्रिएटिव वाइब' के लिए साल 2022 एक उल्लेखनीय साल रहा है. इस दौरान प्रोडक्शन हाउस की ओर से 'अथंग" नामक एक चर्चित मराठी हॉरर वेब सीरीज़ का निर्माण किया गया. प्रोडक्शन हाउस ने 'चंद्रमुखी' नामक भव्य मराठी फ़िल्म बनाकर लोगों को चकित किया. इसके अलावा भी कई उल्लेखनीय कंटेट का निर्माण प्रोडक्शन हाउस की ओर से किया गया है. ऐसे में अब 'क्रिएटिव वाइब' साल 2023 में हिंदी, मराठी और गुजराती भाषा में कंटेट निर्माण में ज़ोर-शोर से जुट गया है. वेब द्वारा उपलब्ध कराये जानेवाले मौकों से अच्छी तरह से परिचित संतोष खेर कहते हैं, 'वेब शोज़ की दुनिया क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेट बनानेवाले मेकर्स के लिए एक बड़ी राहत बनकर आई है जिसके चलते विविध तरह के टैलेंट को अपने अद्भुत कार्यों को सामने लाने और अपनी क्षमताओं का भरपूर प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है. हम वेब कंटेट के माध्यम से ही नहीं, बल्कि विभिन्न भाषाओं में बननेवाली फ़िल्मों को भी एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचाना चाहते हैं।"
संतोष खेर इस इंडस्ट्री से जुड़े पेशेवर लोगों के साथ काम करने और उन्हें मौका देने में यकीन करते हैं. इसे लेकर वे कहते हैं, "जब कभी हम क्षेत्रीय स्तर की प्रतिभाओं की बात करते हैं तो हम महज़ कलाकारों के बारे में ही सोचते हैं. लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए किसी भी फ़िल्म/कंटेट के निर्माण में बड़े पैमाने पर अन्य लोग भी शामिल होते हैं. इनमें टेक्नीशियनों, कॉस्ट्यूम तैयार करनेवालों, लेखकों से लेकर अन्य तरह के कई और भी विभाग शामिल होते हैं जो किसी भॊ फ़िल्म को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. ग़ौरतलब है कि कैमरा के पीछे काम करनेवालों के नाम मुख्यधारा के सिनेमा द्वारा भी आसानी से भुला दिया जाता है. ऐसे में हमारा प्रोडक्शन हाउस इस स्थिति को बदलने, नये नये नामों को सामने लाने और पर्दे के पीछे काम करनेवाले लोगों को स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है ताकि ऐसे गुमनाम लोगों की भी अपनी एक अलग पहचान बन सके।"
लेकिन क्या प्रोफ़ेशनल लोगों को अपनी-अपनी इंडस्ट्री तक ही सीमित कर दिया जाएगा? इस सवाल पर संतोष खेर कहते हैं, "हमें ऐसी प्रतिभाओं को तैयार करने की ज़रूत है जो विभिन्न तरह की क्षेत्रीय इंडस्ट्रीज़ में काम कर सकें. अगर हम एक इंडस्ट्री से ताल्लुक रखनेवाली प्रतिभाओं को दूसरी इंडस्ट्री में काम करने का मौका मुहैया कराएंगे तभी जाकर हम सही मायनों में पैन इंडिया फ़िल्मों का निर्माण कर पाएंगे. हमने बड़े सुपरस्टार्स के साथ ऐसा होते हुए देखा है मगर ज़रूरत इस बात की है कि सभी भाषाओं की इंडस्ट्री से संबंध रखनेवाले कास्ट और क्रू के अन्य सदस्यों को भी इसी तरह के मौके दिये जाएं।"
प्रतिभाओं को परिष्कृत करने की सोच और पैन इंडिया सिनेमा के निर्माण का आइडिया सिनेमा के भविष्य के लिए अच्छा है, लेकिन अगर अन्य लोग भी सतोष खेर की तरह सोचने लग जाएं तो निश्चित ही वो दिन दूर नहीं है, जब सिनेमा की दुनिया जल्द ही आसमान की नई उंचाइयों को छूने लगेगी।
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