चुनाव लड़ने की तैयारी में तीसरा मोर्चा

Third Front preparing for election
चुनाव लड़ने की तैयारी में तीसरा मोर्चा
चुनाव लड़ने की तैयारी में तीसरा मोर्चा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसानों के हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। उनकी उपज को न ही उचित दाम मिल रहा है और न ही बाजार। राज्य में किसानों की स्थिति के लिए राजनीतिकों को जिम्मेदार ठहराते हुए शेतकरी शुकाणु समिति ने आरोप लगाया है कि सांसद विधायक के संगठित अपराध के शिकार किसान हो रहे हैं। समिति के नेता रघुनाथ दादा पाटील ने कहा कि अगले चुनाव में किसानों व युवाओं की ताकत दिखेगी। तीसरा मोर्चा के चुनाव मैदान में उतरने के संकेत भी दिये गए। 

यात्रा नागपुर पहुंची
राज्य में कर्जमाफी, कृषि उपज को समर्थन मूल्य व विविध मांगों के साथ पाटील के नेतृत्व में शेतकरी जागर यात्रा निकाली गई है। सोमवार को यह यात्रा नागपुर पहुंची। शहर आगमन के बाद गांधीसागर के पास शहीद स्मारक को अभिवादन किया गया। इस दौरान आयोजित सभा में नेताओं ने केंद्र व राज्य सरकार की नीति का निषेध किया। गणेश जगताप, किशोर ढमाले, दुनेश्वर पेठे, सुधीर केदार, कालिदास आपटे, अंकुश देशमुख, संजय जगताप, जय जवान जय किसान संगठन के अध्यक्ष प्रशांत पवार उपस्थित थे। 23 मार्च को सांगली से यात्रा आरंभ की गई थी। 16 मई को पुणे में समापन होगा। यात्रा के समर्थन में राज्य भर में जेल भरो आंदोलन होगा। 

किसानों के लिए नहीं उठाए जाते ठोस कदम
पाटील ने कहा कि सरकार व विपक्ष के नेता किसानों के कर्ज माफ करने की बात व मांग तो करते हैं, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं। विधानमंडल में इस संबंध में प्रस्ताव नहीं लाया जाता है। यह एक तरह का संगठित अपराध है। किसानों को कृषि उपज का भाव नहीं मिलता है। दूसरी ओर निर्यात बंदी है। सरकार की नीति किसान विरोधी है। किसानों को न्याय दिलाने के लिए राज्य के 40 किसान संगठनों की शुकाणु समिति ने जागर यात्रा निकाली है। कर्जमाफी उपकार नहीं है। कृषि उपज का भाव स्वामीनाथन आयोग व टाटा इंस्टीट्यूट व शरद जोशी ने पहले ही स्पष्ट किया था। किसानों के कर्जमाफ नहीं किए जा रहे हैं। दूसरी ओर 9 लाख करोड़ का कर्ज डूबने के बाद भी उद्योगपतियों के कर्जमाफ किए जा रहे हैं। धान को 2954 रुपये प्रति क्विंटल भाव देने की सिफारिश राज्य सरकार ने केंद्र से की थी। केंद्र सरकार ने 1410 रुपए प्रति क्विंटल का भाव दिया। तुअर के लिए 4721 रुपए प्रति क्विंटल की सिफारिश की गई थी। 4625 रुपए प्रति क्विंटल भाव दिया गया। उत्पादन खर्च व समर्थन मूल्य में काफी अंतर है।

Created On :   10 April 2018 11:12 AM IST

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