1159 लोगों को लेकर लखनऊ गई तीसरी ट्रेन, 12 लोगों ने किया जाने से इनकार

Third train run to Lucknow with 1159 people, 12 people refused this journey
 1159 लोगों को लेकर लखनऊ गई तीसरी ट्रेन, 12 लोगों ने किया जाने से इनकार
 1159 लोगों को लेकर लखनऊ गई तीसरी ट्रेन, 12 लोगों ने किया जाने से इनकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन में नागपुर और आस-पास के जिलों मे फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए शनिवार को नागपुर से लखनऊ श्रमिक स्पेशल ट्रेन रवाना हुई। इसमें कुल 1,159 श्रमिकों को भेजा गया है। यह नागपुर से जाने वाली तीसरी ट्रेन थी।

कांग्रेस ने उठाया खर्च

रेलवे स्टेशन से लखनऊ तक 01823 नागपुर-लखनऊ श्रमिक विशेष ट्रेन चलाई गई, जिसमें कुल 1159 लोगों को भेजा गया। इसमें चंद्रपुर के 189, गड़चिरोली के 140, नागपुर ग्रामीण के 169 और शहर के 661 लाेगों को ट्रेन से भेजा गया है। ट्रेन का किराया प्रति व्यक्ति 505 रुपए था। टिकट का खर्च कांग्रेस कमेटी ने पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत के मार्गदर्शन में किया। सभी लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए गए।

लोगों को शुभकामनाएं देते हुए पूर्व मंत्री सतीश चतुर्वेदी ने श्रमिकों को सफर में और घर पहुंचने के लिए सहयोग राशि भी दी। ट्रेन नागपुर रेलवे स्टेशन से रात 10 बजे लखनऊ के लिए रवाना हुई।

12 लोगों ने जाने से मना किया, 6 के नाम नहीं आने से अटके

लॉकडाउन के कारण वाड़ी में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। शुक्रवार को वाड़ी पुलिस ने 42 लोगों को स्टार बस से रेलवे स्टेशन पहुंचाया, जहां से ट्रेन द्वारा सभी लोग यूपी के लिए रवाना हुए। गांव में 14 दिन क्वारंटाइन रहने के डर से 12 लोगों ने गांव जाने से मना कर दिया, वहीं 6 युवकों के नाम नहीं आने से उन्हें जाने से रोक दिया गया। जब नाम पुलिस के पास आएंगे, तब उन्हें रवाना किया जाएगा। 

न काम है, न पैसे हैं

बताया गया बिहार मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, झारखंड के कामगार आज भी वाड़ी में हैं। करीब 400 लोग घर जाने की तैयारी में हैं। उन्हें भेजने की प्रक्रिया जारी है। अधिकांश कामगारों को ऑनलाइन अनुमति लेने के लिए फॉर्म भरने में दिक्कतें आ रही हैं। यूपी के बलिया, बिजनौर, देवरिया जिले के युवा जाने के लिए रुके हुए हैं। सभी लोगों ने स्वास्थ्य की जांच करने की जानकारी है। लॉकडाउन के कारण कामगारों को उनके मालिकों द्वारा वेतन नहीं देने से उन पर भूखे मरने की नौबत आ रही है, जिसके कारण कामगार गांव की और रुख कर रहे हैं। एक कामगार ने बताया कि 45 दिन से काम नहीं है। मालिक ने पैसे नहीं दिए। अब हमें गांव ही जाने दो। गांव में हम लोग 14 दिन क्वारंटाइन में रहेंगे, लेकिन यहां अब नहीं रहेंगे। 

Created On :   10 May 2020 6:54 PM IST

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