इस नन्ही जान ने मरने से पहले दिया पांच लोगों को जीवनदान

This little girl rivyaani has given life to five people before her death
इस नन्ही जान ने मरने से पहले दिया पांच लोगों को जीवनदान
इस नन्ही जान ने मरने से पहले दिया पांच लोगों को जीवनदान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी ने पिछले 7 दिन में तीसरा लिवर ट्रांसप्लांट कर इतिहास रचा है। नागपुर में यह नया अध्याय एक 6 वर्षीय ब्रेनडेड बालिका के परिजनों की अनुमति के बाद लिखा गया। इतना ही नहीं बालिका ने  3 लोगों को जीवनदान और 2 मरीजों की जिंदगी में रोशनी दी है। शहर में ग्रीन कॉरीडोर बनाकर विमानतल से एयर एंबुलेंस से हार्ट मुंबई भेजा गया। 

समिति ने घोषित किया ब्रेनडेड
जानकारी के अनुसार गोंदिया के भजेपार के पुलिसकर्मी राधेश्याम रहांगडाले की पुत्री रिव्यानी रहांगडाले गर्मी की छुट्टियों में अपने मामा के यहां गई थी। वह अपने मामा के साथ 19 अप्रैल को दोपहिया वाहन पर जा रही थी, तभी एक वाहनचालक ने सामने से टक्कर मार दी। इसमें बालिका को गंभीर चोट आईं। उसे नागपुर के न्यू ईरा हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया।  

यहां शुक्रवार को बालिका को ब्रेनडेड समिति में शामिल न्यूरोसर्जन डॉ. नीलेश अग्रवाल, न्यूरोफिजीशियन डॉ. पराम मून, इंटेनसविस्ट डॉ. अमोल कोकस, डॉ. पंकज धबले एवं एनेस्थेटिक डॉ. साहिल बंसल ने ब्रेनडेड  घोषित कर दिया। अस्पताल के डॉक्टरों के साथ जोनल ट्रांसप्लांट को-आॅर्डिनेशन समिति अध्यक्ष डॉ. विभावरी दाणी, सचिव डॉ. रवि वानखेड़े एवं मेडिकल सोशल वर्कर वीणा वाठोरे ने समन्वय किया, तो बालिका के पिता सहित अन्य परिजन अंगदान के लिए तैयार हो गए। ऑपरेशन में प्रमुख रूप से ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. राहुल सक्सेना, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. निधीश मिश्रा, डॉ. सविता जैस्वाल आदि शामिल थे। बालिका का पोस्टमार्टम इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) में फोरेंसिक मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. मकरंद व्यवहारे के नेतृत्व में किया गया। 

इन्हें मिला जीवनदान  
नेशनल ऑर्गन एडं टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाईजेशन (नोटो) ने हार्ट मुंबई स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल मुलुंड को अलॉट किया जिसे डॉ.आनंद संचेती के नेतृत्व में निकाला गया अौर विशेष विमान से मुंबई ले गए जहां हार्ट को 3 वर्षिय बालक को ट्रांसप्लांट किया गया। जोनल ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेशन कमेटी (जेडटीसीसी) ने लिवर नागपुर के टेलीफोन एक्सचेंस चौक स्थित न्यू ईरा को किया जो 44 वर्षिय युवक को लगाया गया। दो किडनी नागपुर के ऑरेंज सिटी हॉस्पिटल में एक 14 वर्षिय बालक को लगाईं गई। वहीं कोर्निया महात्मे आई बैंक को दिए गए। 

लंग्स ट्रांसप्लांट की जरूरत 
संतरानगरी को हार्ट ट्रांसप्लांट की अनुमति मिलने के बाद अब सिर्फ लंग्स (फेफड़ाें) ट्रांसप्लांट की कमी खल रही है, क्योंकि शुक्रवार को 6 वर्षीय बालिका के पिता फेफड़े को भी डोनेट करना चाहते थे, लेकिन कोई उचित मरीज नहीं मिल सका। यदि नागपुर में ही लंग्स ट्रांसप्लांट हुआ, तो फिर बॉडी से मिलने वाले लंग्स का उपयोग किया जा सकेगा।

Created On :   28 April 2018 2:02 PM IST

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