चुनावी समर में पहली बार उतरीं इस किन्नर के पास सिर्फ 15 सौ की संपत्ति

This third gender first time contest election, only property of rs 1500
चुनावी समर में पहली बार उतरीं इस किन्नर के पास सिर्फ 15 सौ की संपत्ति
चुनावी समर में पहली बार उतरीं इस किन्नर के पास सिर्फ 15 सौ की संपत्ति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सागर निवृत्ति काले उर्फ स्नेहा काले पहली किन्नर (तृतीयपंथी) हैं जो मुंबई से लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरीं हैं। स्नेहा ने हलफनामे में चुनाव आयोग को जानकारी दी है कि उनके पास 15 सौ रुपए नकद के अलावा कोई संपत्ति नहीं हैं। उत्तर मध्य सीट से चुनाव लड़ रहीं स्नेहा का मुकाबला भले ही करोड़पति उम्मीदवारों से हो लेकिन उन्हें भरोसा है कि वे लोगों के प्यार और समर्थन के सहारे जीत जरूर हासिल करेंगी।
स्नेहा का मुकाबला प्रिया दत्त और पूनम महाजन से है जो अपने-अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभल रहीं हैं लेकिन स्नेहा इससे विचलित नहीं हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में स्नेहा ने कहा कि उन्होंने स्नातक (बीकाम) तक पढ़ाई की है। इसके बाद एक गैरसरकारी सामाजिक संस्था में कुछ सालों काम किया। इस दौरान उन्होंने लोगों की परेशानियां करीब से देखीं। चुनावी खर्च से जुड़े सवाल पर स्नेहा कहतीं हैं कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता। वे लोगों के बीच जाकर प्रचार के लिए पैसे भी मांग रहीं हैं। उनके तृतीयपंथी साथी भी प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। स्नेहा ने कहा कि वे लोगों के घरों में बधाइयां और आशीर्वाद देने जाती रहीं हैं अब वोट मांगने जा रहीं हैं जिससे उनकी परेशानियां दूर कर सकें। स्नेहा के मुताबिक उन्हें लोगों का साथ और समर्थन मिल रहा है जिससे उनका उत्साह बढ़ा है। 

नाम बदलने की अर्जी

काले को इलाके में लोग स्नेहा के नाम से जानते हैं लेकिन उनका असली नाम सागर है। सारे सर्टिफिकेट पर यही नाम है इसीलिए चुनाव में पर्चा भरने के लिए भी उन्होंने यही नाम लिखा है लेकिन उन्होंने नाम बदलने के लिए अर्जी दे दी है। स्नेहा के मुताबिक जल्द ही वे अपना नाम बदल लेंगी। स्नेहा भले ही पूरे हौंसले के साथ दिग्गजों को टक्कर देने चुनावी मैदान में उतरीं हैं लेकिन उनके परिवार के कुछ लोगों को यह पसंद नहीं हैं। स्नेहा बतातीं हैं कि भांडुप में रहने वाले उनके परिवार के कुछ लोग कह रहे हैं कि उनके चलते परिवार की बदनामी हो रही है। हालांकि स्नेहा इस बात से खुश हैं कि उनकी बहनें उनके समर्थन में हैं और उनका हौंसला बढ़ा रहीं हैं। 

Created On :   10 April 2019 2:30 PM GMT

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