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समृद्धि महामार्ग से समृद्ध हुए हजारों किसान, मुख्यमंत्री से मुलाकात कर जताया आभार
डिजिटल डेस्क, विजय सिंह कौशिक, नागपुर। सरकारी परियोजनाओं व उद्योग आदि के लिए होने वाले भूमि अधिग्रहण का अक्सर विरोध होता है पर तत्कालिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की महत्वाकांक्षी परियोजना मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग के लिए अपनी जमीन देने वाले किसानों का जीवन बदल चुका है। नागपुर स्थित मुख्यमंत्री आवास रामगिरी पर पहुंच कर इन किसानों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर सरकार के प्रति आभार जताया।
समृद्धि महामार्ग परियोजना के लिए राज्य अहमदनगर,नासिक, औरंगाबाद, जालना, बुलढाणा, वाशिम, नागपुर सहित 9 जिलों के किसानों की करीब 10 हजार एकड़ जमीन अधिग्रहित की कई थी। अहमदनगर जिले के धोतरा (कोपरगांव) निवासी प्रदीप चव्हाण ने बताया कि हमें रेडिरेकनर दर से 10 गुना ज्यादा भुगतान किया गया है। चव्हाण की 11 गुंठा जमीन समृद्धि महामार्ग के लिए सरकार ने ली है। इसके लिए उन्हें 98 लाख रुपए मिले। इन पैसों से उन्होंने 10 एकड़ जमीन खरीद ली। अच्छा सा घर बनाया और घूमने फिरने के लिए एक कार भी ले ली है। चव्हाण बताते हैं कि वर्ष 2004 में मेरी 4 गुंठा जमीन नहर परियोजना में गई थी जिसका भुगतान आज नहीं मिल सका। इस लिए मैं पहले समृद्धि महामार्ग के लिए अपनी जमीन नहीं देना चाहता था। हमनें इस परियोजना का विरोध करने की योजना बनाई थी पर अधिकारियों के समझाने के बाद मैं अपनी जमीन देने के लिए तैयार हुआ। इस बार अनुभव बहुत अच्छा रहा। सरकरा ने मेरी जमीन 2018 में ली पर इसके लिए पैसे 2017 में ही मिल चुके थे। पैसे सीधे मेरे बैंक खाते में पैसे जमा हो गए।
12 एकड़ जमीन के बदले मिले 18.50 करोड़
औरंगाबाद जिले के जयपुर सेंद्रा एमआईडीसी के निवासी भगवान मते बताते हैं कि मेरी 12 एकड़ जमीन समृद्धि महामार्ग परियोजना के लिए ली गई थी। इसके लिए मुझे सरकार की तरफ से 18 करोड़ 50 लाख रुपए मिले। इन पैसों से मैंने 4 करोड़ में 20 एकड़ जमीन खरीद ली। साथ ही 5 करोड़ का निवेश कर जमीनों की प्लाटिंग का व्यवसाय भी शुरु कर दिया है। डेढ़ करोड़ खर्च कर औरंगाबाद शहर में एक घर भी खरीद लिया। मते बताते हैं कि इस परियोजना नें मेरी जिंदगी बदल दी।औरंगाबाद जिले के ही भंबरदा निवासी बाला साहेब काले की 1 एकड़ जमीन समृद्धि महामार्ग के लिए इस्तेमाल की गई। मुआवजे के तौर पर काले को इतने पैसे मिले की उन्होंने इससे दूसरी जगह पर 2 करोड़ खर्च कर 7 एकड़ जमीन खरीद ली। जबकि एक करोड़ रुपए बैंक में जमा कर दिए हैं। काले को सरकार से 3 करोड़ रुपए मिले थे।
जुलाई 2023 तक समृद्धि महामार्ग से ‘नागपुर टू मुबंई’
इस परियोजना को पूरा करने में अहम भूमिका निभाने वाले एमएसआरडीसी के प्रबंध निदेशक रहे राधेश्याम मोपलवार ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग नागपुर से शिर्डी तक शुरु हो चुका है। अगले चरण में फरवरी के पहले सप्ताह में इस सड़क मार्ग से नाशिक तक जा सकेंगे। उसके बाद इसे इगतिपुरी तक के लिए खोल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय में बतौर सलाहकार अपनी सेवाएं दे रहे मोपलवार ने बताया कि समृद्धि महामार्ग अपने तय समय जुलाई 2023 तक मुंबई तक शुरु हो जाएगा। इसके बाद 701 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे से 8 घंटे में मुंबई से नागपुर पहुंचना संभव हो सकेगा।
Created On :   28 Dec 2022 8:47 PM IST