ठुमरी-दादरा की अनोखी जुगलबंदी से सुरों की मिठास में रंगी संतरानगरी

Thumri-Dadras unique Jugalbandi spread sweetness in nagpur
ठुमरी-दादरा की अनोखी जुगलबंदी से सुरों की मिठास में रंगी संतरानगरी
ठुमरी-दादरा की अनोखी जुगलबंदी से सुरों की मिठास में रंगी संतरानगरी

डिजिटल डेस्क,नागपुर। सुरों की मिठास में ऐसी रंगत घुली कि मन संगीतमय हो गया। सुरों से सजी शाम में गीत-संगीत की मनोहारी प्रस्तुतियां हर किसी को भाव-विभोर कर गईं। लोक संगीत की खुशबू फैली और श्रोता मंत्रमुग्ध होकर तालियां बजाते रहे। कभी चैती, दादरा के बोल पर मस्ती के रंग चटख हुए, तो सुरों की मिठास संग ठुमरी-दादरा की जुगलबंदी ने कला-संस्कृति की सुगंध हर ओर बिखेर दिया। मौका था दक्षिण मध्य सांस्कृतिक क्षेत्र में आयोजित ‘अतुल्य भारत’ के चार दिवसीय आयोजन के अंतिम दिन का। सोमवार को लोकनृत्यों ने लोगों को खूब रिझाया। लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने आते ही लोक संस्कृति को उतारने की मंशा उजागर कर दी। गीत-संगीत का सिलसिला आगे बढ़ाया। लोकगीतों की शुरुआत उन्होंने ठुमरी से की और दादरा चैती सुनाकर सबका दिल जीत लिया। 

रात तक समां बंधी रही
‘अतुल्य भारत’ कार्यक्रम में सोमवार को कला संगीत के जाने-माने चेहरे मौजूद थे। मशहूर लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने ठुमरी, दादरा और चैती की मिठास से संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम की शुरुआत लोकनृत्यों से हुई।  लोकनृत्यों की एक से बढ़ कर एक प्रस्तुतियां दीं। रात तक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम का दर्शकों ने आनंद लिया। समारोह की आखिरी शाम को कथक नृत्य विधा लाल की प्रस्तुति थी। उन्होंने मां दुर्गा शक्ति स्वरूपा की नृत्य के जरिए उपासना की। उन्होंने उठान दिग-धा-थेई-तत-तत-तत्ज के बोलों पर पलट व चक्कर का मोहक प्रयोग किया। उन्होंने रचना धिर-किट-ता-थेई-थेई-थेईज के बोल पर आधारित परण में पैर का काम पेश किया। उनकी प्रस्तुति में गोपूछा परण किट-तक-गिन-तक-धूम-किट खास रही। इसमें उछाल के साथ चक्कर और पैर का दमदार काम पेश किया गया। परण तिन-तिन-ता-गिन-नग-धलांगज के बोलों पर भी दोनों ने पैर खूब थिरके। वहीं विधा ने सीधे और उल्टे चक्कर के प्रयोग को एक रचना में पेश किया। दोनों ने एक साथ चना-धिना के काम को प्रभावकारी अंदाज में प्रस्तुत किया। 

स्टेज पर दिखा मां दुर्गा का अवतार
नृत्यांगना विधा ने जयपुर घराने की तकनीकी बारीकियों को अपने नृत्य में बखूबी तैयार किया है। उनके नृत्य में अपने घराने का काम असरदार तरीके से दिखा। गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवा चुकीं विधा लाल ने दुर्गा जी पर अद्भुत प्रस्तुति दी। उन्होंने मां शक्ति की उपासना की। या देवी सर्वभूतेशु पर कथक प्रस्तुत किया, वहीं मां दुर्गा का अवतार स्टेज पर दिखाया। देवी भजो दुर्गा भवानी, जगत जननी महिषासुर मर्दिनी की लोगों के दिल में जगह बना ली। इसे लोगों ने तालियों के रूप में सराहना की। कैसी निकसी चांदनी पर विधा लाल ने कई प्रस्तुतियां दीं।

मालिनी ने सुनाई कजरी, ठुमरी, दादरा
मशहूर गायिका मालिनी अवस्थी ने संगीत सभा की शुरुआत ठुमरी से की। उन्होंने लोक संस्कृति की छटा बिखेरी। इन खूबसूरत प्रस्तुतियों से शाम से रात कब हो गई, पता ही नहीं चला, लोग झूमते रहे और तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही। कार्यक्रम को यादगार बनाने में जैनेंद्र सिंह की आवाज ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर केंद्र निदेशक इंद्रजीत ग्रोवर, प्रशासनिक अधिकारी सुदर्शन पाटील, कार्यक्रम अधिकारी प्रेम स्वरूप तिवारी, गणेश थोरात, शशांक दांडे, गोपाल बेतावार, दीपक पाटील व दीपक कुलकर्णी मौजूद थे।
 

Created On :   3 April 2018 7:44 AM GMT

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