रहवासी इलाकों में आया बाघ , ग्रामीणों में दहशत

Tiger came in residential areas, panic among villagers
रहवासी इलाकों में आया बाघ , ग्रामीणों में दहशत
पिछले दो माह में कई बार हो चुकीं शिकार की घटनाएं  रहवासी इलाकों में आया बाघ , ग्रामीणों में दहशत

डिजिटल डेस्क चौरई/छिंदवाड़ा । पिछले दो साल से लगातार बाघ का मूवमेंट पेंच नेशनल पार्क से लगे चौरई के गांवों में बढ़ा है। बाघ के अलावा यहां पर दूसरे अन्य वन्यप्राणियों के हमले से आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। वहीं कई मर्तबा वन्य प्राणी भी शिकार हो जाते हैं। पिछले दो माह में ही बाघ और तेंदुए के शिकार के कई मामले सामने आए हैं। यहां पर वन्य अधिकारियों का कहना है कि पेंच पार्क का एरिया छोटा होने के कारण वन्य प्राणी भी अपनी टेरेटरी छोड़कर आबादी की ओर आ रहे हैं।
चौरई के मेघदौन में बाघ ने किया गाय का शिकार
चौरई वन परिक्षेत्र के पेंच पार्क से लगे मेघदौन के जंगलों में बाघ ने शुक्रवार को गाय का शिकार किया है। ग्रामीणों के मुताबिक कुछ दिन पहले ही यहां तेंदुए का शव मिला था। ग्रामीणों ने इस मामले में वन अमले को शिकायत की है। गांव के वरिष्ठ मोहन सिंह वर्मा ने बताया कि गांव के राधे चौधरी की गाय शुक्रवार को तालाब के पास जंगलों में चरने गई थी। इस दौरान दोपहर को बाघ ने हमला कर उसका शिकार कर लिया। चरवाहे ने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी। उन्होंने मौके पर जाकर देखा तो गाय का शव मिला। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर बीते महीने तेंदुए का शव भी मिला था। पूरा एरिया पार्क के बफर जोन से लगा हुआ है। यहां पर लंबे समय से वन विभाग की जमीन पर ग्रामीण प्लांटेशन करने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल यहां पर लोगों ने वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर खेती करना शुरू कर दिया है।
पिछले दो माह में बाघ और तेंदुए का मूवमेंट
> आठ अगस्त को दक्षिण वनमंडल में कन्हान रेंज के ग्राम धोतकी में तेंदुए का मूवमेंट बना हुआ था। रात को तेंदुए ने कोठे में बंधी हुई पांच बकरियों का शिकार किया था।
> 10 अगस्त को चौरई के सांख में हिर्री रोड पर पेट्रोल पंप पर देर रात को बाघ का मूवमेंट रहा। बाघ सीदप और ग्रेटिया में मौजूद है।
> 15 अगस्त को चौरई के सीताझिर और ग्रेटिया में बाघ ने दो जगहों पर शिकार किया था। ग्रेटिया और सीताझिर में 13 और 14 अगस्त को बाघ ने खेत में लगे 2 मवेशियों के शिकार किया था।
> 19 अगस्त को पार्क के हलाल, कुम्भपानी सर्किल में 3 दिनों तक बाघ की मौजूदगी बनी रही।  
मूवमेंट के साथ वन्य प्राणियों का शिकार भी
> 5 अगस्त को पश्चिम वनमंडल के अंतर्गत सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में करंट फैलाकर बाघ का शिकार हुआ था। जनवरी माह में बाघ का शिकार किया गया था।
> 24 अगस्त को पेंच नेशनल पार्क के बफर जोन से लगे मेघदौन गांव के डोला पांजरा तालाब में तेंदुए का शव उतराता हुआ मिला था। यहां पर तेंदुए का शिकार करने के बाद इसे तालाब मेें  फेंक दिया गया था।
> पांढुर्ना के पास भी एक बाघ के शिकार के आरोपी को पकड़ा गया था।
 

Created On :   25 Sept 2021 2:26 PM IST

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