कुएं में गिरा बाघ, आठ घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद बाहर निकाला

- चौरई सांख सर्किल के हरदुआ गांव की घटना, पूर्व वनमंडल के साथ पेंच नेशनल पार्क की टीम भी पहुंची कुएं में गिरा बाघ, आठ घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद बाहर निकाला

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/चौरई। कुएं में गिरे बाघ के शावक को आठ घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। घटना जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर पूर्व वनमंडल अंतर्गत सांख सर्किल में आने वाले हरदुआ गांव की है। गुरुवार सुबह हरदुआ निवासी जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष शैलेन्द्र बबलु रघुवंशी के कुएं में सवा साल के बाघ का शावक गिर गया था। इसकी सूचना खेत में काम करने वाले लोगों ने दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग और पेंच नेशनल पार्क की टीम मौके पर पहुंची और तकरीबन आठ घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद बाघ को सुरक्षित निकाला। कुएं में मोटर पंप रखने के लिए बनाए गए प्लेटफार्म पर बाघ का शावक कई घंटे बैठा रहा। जिसे निकालने के लिए वन विभाग की टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। शाम तकरीबन 6.30 बजे के बाद क्रेन के जरिए पिंजरे को कुएं में उतारा गया, जहां बमुश्किल बाघ को बाहर सुरक्षित निकाला गया है। यहां पर ग्रामीणों की भीड़ को कन्ट्रोल करने पुलिस बल को तैनात करना पड़ा।
बाघ के कुएं में डूबने का डर, नहीं किया बेहोश
वन विभाग की टीम सूचना मिलने के बाद पहुंची जहां बाघ मोटर पंप रखने के लिए बनाए गए प्लेटफार्म पर बैठा हुआ था। बारिश के कारण कुएं में पानी अधिक होने के कारण पेंच नेशनल पार्क से पहुंची टीम ने बाघ को बेहोश करने से मना कर दिया। यहां पर बेहोश होने के बाद बाघ के पानी में गिरने से उसकी जान के खतरे का अंदेशा था। इसके बाद क्रेन के जरिए पिंजरा कुएं में उतारा गया और बाघ को बाहर निकाला गया।
दो घंटे तक पिंजरे में होते रहा बाघ का इंतजार
कुएं से बाघ को सुरक्षित निकालने के लिए क्रेन के जरिए पिंजरा उतारा गया, जिसमें मांस के टुकड़े रखे थे। इस दौरान बाघ ने तीन बार पिंजरे में आने की कोशिश की जहां वह सफल नहीं हो पाया। दो घंटे तक कुएं में लटके रहे पिंजरें में चौथी बार में बाघ अंदर आया तब जाकर उसे बाहर निकाला गया।
एक और बाघिन-शावक की मिल रही लोकेशन
वन अधिकारियों के अनुसार कुएं में गिरे शावक के अलावा एक बाघिन और शावक की लोकेशन आसपास बनी हुई है। घटना स्थल के आसपास ही अब भी शावक और बाघिन का लोकेशन होने से अलर्ट जारी किया गया है।
बाघ का रेस्क्यू...कब क्या हुआ....
- घटना स्थल- पूर्व वनमंडल चौरई रेंज के सांख सर्किल का हरदुआ गांव।
- सुबह 10 बजे हरदुआ में शैलेन्द्र रघुवंशी के खेत में काम करने वाले लोगों ने बाघ के शावक को देखा और इसकी सूचना खेत मालिक को दी।
- सुबह 11 बजे के आसपास डिप्टी रेंजर तुलसीराम सनोडिया और इसके बाद डीएफओ अक्षय राठौर, एसडीओ भारत सोलंकी सहित अमला पहुंचा।
- दोपहर 1 बजे के बाद पेंच नेशनल पार्क की टीम और चिकित्सक पहुुंचे, यहां पहले बेहोश करने की प्लानिंग बनाई लेकिन पानी अधिक होने और बाघ को नुकसान होने के कारण ऐसा नहीं किया गया।
- शाम 4 बजे के आसपास चौरई से क्रेन पहुंची और पिंजरे को इसके जरिए कुएं में उतारा गया।
- शाम 6.30 बजे पिंजरे में बाघ आने के बाद इसे सुरक्षित बाहर निकाला गया।
इनका कहना है
- सुबह ग्रामीणों की सूचना मिलने के बाद हरदुआ पहुंच गए थे। कुएं में पानी अधिक होने के कारण बेहोश करके बाघ को बाहर निकालना मुश्किल था। इसके लिए के्रन के जरिए पिंजरे को कुएं में उतारा गया और शावक को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। बाघिन और शावक का लोकेशन बना हुआ है।
- अक्षय राठौर, डीएफओ पूर्व वनमंडल

Created On :   25 Aug 2022 10:38 PM IST

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