बाघिन ने चरवाहे को बनाया शिकार, बाघों के बढ़ते कुनबों से लोगों में दहशत  

Tigress hunts and killed a cowboy, panic in residential area
बाघिन ने चरवाहे को बनाया शिकार, बाघों के बढ़ते कुनबों से लोगों में दहशत  
बाघिन ने चरवाहे को बनाया शिकार, बाघों के बढ़ते कुनबों से लोगों में दहशत  

डिजिटल डेस्क, रालेगांव/डोंगरखर्डा(यवतमाल)। पिछले दो वर्ष से तहसील के दुर्गम परिसर में बाघिन ने आतंक मचा रखा है। वरूड परिसर के जंगल में बाघिन ने और एक चरवाहे का शिकार किया। बाघिन के हमले में यह अब तक की 14 वीं घटना है। 14 लोगों को अपना शिकार बनाने वाली बाघिन को अब तक पकड़ पाने में फारेस्ट विभाग असफल हुआ है। जिससे लोगों में प्रशासन के खिलाफ रोष नजर आ रहा है। मृतक का नाम पिंपलशेंडा निवासी नागोराव शिवराम जुनघरे (60 ) बताया जा रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही कलंब थाने की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। 

बता दें कि इसके पहले 11 अगस्त  को विरगांव के किसान वाघोजी राऊत का बाघिन ने शिकार किया था, इस दौरान गांव में तनावपूर्ण माहौल था, नागरिकों ने शव उठाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस की ओर से उपविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बाघिन का बंदोबस्त करने की मांग की गई थी, जिसके चलते ब्रम्हपुरी से आया वन विभाग का एक दल बाघिन की खोज में जुटा है। दो वर्ष बाद पहली बार नरभक्षी बाघिन 23 अगस्त की शाम को वन विभाग द्वारा लगाए ट्रैप कैमरे में नजर आई, लेकिन उसे पकडऩे में विभाग नाकाम रहा है। इसका नतीजा यह रहा कि बाघिन ने कलंब तहसील के पिंपलशेंडा निवासी नागोराव शिवराम जुनघरे का शिकार किया। 

बताया जाता है कि पिंपलशेंडा निवासी चरवाहा नागोराव जुनघरे अपने जानवर चराने जंगल की ओर गया था। दोपहर के समय बाघिन ने एक बछड़े व कुत्ते का शिकार करने की बात चरवाहों को पता चली, जिससे वे जंगल से अपने जानवर लेकर गांव की ओर लौट आए। लेकिन साथ में गए नागोराव जुनघरे वापस नहीं आने से ग्रामीणों को संदेह हुआ उन्होंने जंगल की ओर जाकर देखा तो गजानन पंचबुद्धे के खेत में नागोराव की लाश रात 10 बजे नजर आई। घटना की जानकारी मिलते ही कलंब के थानेदार नरेश रणधीर, वन्यजीव मानद सदस्य डॉ. रमजान विराणी डोंगरखर्डा सामाजिक वनीकरण के  गजानन पंचबुद्धे, रवि गेडाम आदि ने घटनास्थल पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।

बाघिन को मारने की मांगी जाएगी अनुमति : पुरके 
पूर्व मंत्री वसंत पुरके ने कहा कि, मुआवजा राशि बांटने से किसान, खेत मजदूरों की जान नहीं बचाई जा सकती। नरभक्षी बाघिन को खत्म करना जरूरी हो गया है। इसके लिए वे नागपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे व न्यायालय से बाघिन को मारने की अनुमति मांगेंगे।

परिजनों को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा
मृतक के परिजनों को सीसीएफ प्रदीप राहुरकर, वन विकास महामंडल के सहायक वन प्रबंधक सरपे, मोहदा के आरएफओ स्वप्निल भोसले, वन रक्षक दिलीप केराम समेत पूर्व मंत्री वसंत पुरके, मानद वन्यजीव रक्षक डॉ. विराणी आदि घटना स्थल पर पहुंचे। मंगलवार के रात में ही उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा कर उन्हें जल्द मुआवजा राशि देने का आश्वासन दिया। पिंपलशेंडा के सरपंच के हाथों मृतक जुनघरे के परिजनों को 90 हजार रुपए प्रदान किए गए। जल्द ही उन्हें 9 लाख रुपए की राशि दिए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद बुधवार की दोपहर नागोराव जुनघरे के पार्थिव पर अंतिम संस्कार किया गया।

बढ़ रहा है बाघों का कुनबा
बुद्ध पूर्णिमा को हुए वन्य प्राणियों की गिनती के दौरान अकेले टिपेश्वर अभयारण्य में कुल 14  बड़े व 9 छोटे बाघ नजर आए थे। वही जिलें में भी बाघों की संख्या बढ़ रही है। नरभक्षी बाघिन ने बीते 2 माह पहले दो शावकों को जन्म दिया था। वह भी अब तेजी से बढ़ रहे हैं। बाघिन की दहशत से परिसर के किसान दिन ढलते ही गांव की ओर लौट जाते हैं। 

Created On :   30 Aug 2018 7:35 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story