सक्सेस होने के लिए एक रोल मॉडल होना चाहिए : पुरोहित

To be successful, there should be a role model : purohit
सक्सेस होने के लिए एक रोल मॉडल होना चाहिए : पुरोहित
सक्सेस होने के लिए एक रोल मॉडल होना चाहिए : पुरोहित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश को विश्व गुरु बनाना है। इसमें युवाओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी । जीवन में सक्सेस होने के लिए हमारा एक रोल मॉडल होना चाहिए और मेरा मानना है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम से अच्छा कोई उदाहरण नहीं हो सकता है। उनकी किताब ‘अग्नि की उड़ान’ पढ़ना चाहिए और उनकी किताब को यूनिवर्सिटी को उपलब्ध करवाना चाहिए। यह बात मुख्य अतिथि व तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुराेहित ने कही। वे राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी  के 105वें दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे।   सिविल लाइंस स्थित डॉ.वसंतराव देशपांडे सभागृह में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे, प्र-कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले, कुलसचिव पूरणचंद्र मेश्राम, डॉ.हरजीत सिंह जुनेजा, डॉ.विनायक देशपांडे, डॉ.श्रीकांत कोमावार, डॉ.राजश्री वैष्णव आदि उपस्थित थे। अध्यक्षीय भाषण कुलगुरु डॉ.काणे ने दिया। स्टूडेंट्स को डॉक्टरेट देने की घोषणा के साथ ही पुरस्कार व मेडल वितरित किए गए।

नागपुर यूनिवर्सिटी बेस्ट यूनिवर्सिटी बने
श्री पुरोहित ने कहा कि मैं भी इसी यूनिवर्सिटी से 1959 में ग्रेजुएट हुआ हूं। कई पीढ़ियां बदल गई हैं। आज मैं 20 यूनिवर्सिटी का कुलाधिपति हूं और इसका श्रेय रातुम विश्वविद्यालय को जाता है। हालांकि इस यूनिवर्सिटी में अभी सुधार की गुंजाइश है, इसे देश की सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी होना चाहिए, इस हिसाब से काम हो और शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण भी हो। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में 7 पापों का उल्लेख किया है, जिन्हें प्रत्येक छात्र को समझने की आवश्यकता है।  
राहुल, सौरभ, रचना, शायली को सर्वाधिक पुरस्कार
दीक्षांत समारोह में 4 संकाय के 152 स्टूडेंट्स को पीएचडी प्रदान की गई। इसमें यूनिवर्सिटी के कुलसचिव पूरणचंद्र मेश्राम भी शामिल हैं, जिन्होंने  कॉमर्स एडं मैनेजमेंट में कॉमर्स से पीएचडी की। सत्र 2017 में उत्तीर्ण होने वाले 31 हजार 980 ग्रेजुएट व 16 हजार 251 पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री दी गई। विविध एग्जाम्स में 172 सर्वश्रेष्ठ अंक हासिल करने वाले स्टूडेंट्स को  312 स्वर्ण पदक, 43 रजत और 102 पुरस्कारों सहित कुल 457 मेडल व पुरस्कार प्रदान किए गए।

किताबें पढ़ें और समय के पाबंद बनें
श्री पुरोहित ने कहा कि सादा जीवन के साथ मन को साफ रखें। ईमानदारी कभी हारती नहीं है, उसे जीवन का हिस्सा बनाएं। युवा देश को शक्तिशाली बनाते हैं। किताबें पढ़ने की आदत बनानी चाहिए, वह जीवन में असर करती हैं। मैंने लाइब्रेरी में मुंशी प्रेमचंद की ‘नमक का दरोगा’ किताब पढ़ी थी। उसका जीवन में बहुत प्रभाव पड़ा। किताब में भ्रष्टाचार का कहानी थी। एक स्कूल के कार्यक्रम में मैं 15 मिनट देरी से पहुंचा तो मुख्य अतिथि ए. एन.पालकीवाला से माफी मांगी, जाते समय भी देर से पहुंचने के लिए माफी मांगी। इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा, लेकिन जब मुंबई पहुंचे तो वहां से मुझे एक पुस्तक भेजी, जिसका नाम था-टाइम मैनेजमेंट बाय ए.एन.पालकीवाला। युवाओं को समय का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

उपलब्धियों के लिए सम्मानित
आंबेडकर विधि महाविद्यालय दीक्षाभूमि के विद्यार्थी राहुल बजाज को एलएलबी (5 वर्षीय) परीक्षा में सर्वाधिक अंक हासिल करने के लिए सबसे अधिक 20 मेडल व पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 
सेंट्रल इंडिया काॅलेज आॅफ लॉ से एलएलबी (3 वर्षीय) परीक्षा के लिए सौरभ त्रिवेदी को 13 मेडल व पुरस्कार से नवाजा गया।
शासकीय विज्ञान संस्था की बीएस.सी की छात्रा रचना कनोजिया को 12 मेडल व पुरस्कार मिले। 
बिंझाणी महिला महाविद्यालय की सायली पेशवे को बी.ए. परीक्षा के लिए 12 मेडल व पुरस्कार प्रदान किए गए।
विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के  पीतांबर सुपारे को मेडल व पुरस्कार प्रदान किए गए। 

Created On :   25 March 2018 4:09 PM IST

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