एक अधिकारी को केवल एक घर देने के लिए नीति बनाएगी सरकार

To give only one house to officer Government will form policy
एक अधिकारी को केवल एक घर देने के लिए नीति बनाएगी सरकार
एक अधिकारी को केवल एक घर देने के लिए नीति बनाएगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी अधिकारियों को एक से ज्यादा घर दिए जाने पर बांबे हाईकोर्ट की तरफ से एतराज जताने के बाद अब राज्य सरकार ने कहा है कि एक अधिकारी-एक घर के लिए नीति तैयार की जाएगी। जिससे राज्य प्रायोजित किसी भी योजना के तहत महाराष्ट्र में नौकरशाहों और न्यायाधीशों समेत एक व्यक्ति को केवल एक फ्लैट आवंटित किया जाएगा। महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने शुक्रवार को अदालत में कहा कि सरकार एक नीति पर विचार करने के लिए तैयार है जिसमें एक व्यक्ति को किसी भी सरकारी योजना के तहत एक समय पर पूरे राज्य में केवल एक फ्लैट ही आवंटित होगा। कुंभकोणी जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस भारती डांगरे की बेंच के एक सुझाव पर जवाब दे रहे थे कि नौकरशाहों और न्यायाधीशों को राज्य में केवल एक ही फ्लैट आवंटित किया जाना चाहिए। 

हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने कहा 
सरकार के बयान की सराहना करते हुए जस्टिस गवई ने कहा कि हाईकोर्ट कार्यालय समेत किसी भी सरकारी कार्यालय को निजी मुनाफे के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी तरह का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि हर किसी को एक फ्लैट की जरुरत होती है। हर कोई अपने परिवार के प्रति जवाबदेह होता है। हर कोई महात्मा गांधी नहीं हो सकता। अदालत ने कहा कि चाहे कोई व्यक्ति न्यायाधीश हो या नौकरशाह लेकिन अगर उसे किसी सरकारी योजना के तहत पहले ही फ्लैट मिल गया है तो उसे राज्य में उसी शहर या किसी अन्य शहर में दूसरा फ्लैट नहीं दिया जाना चाहिए।  

अदालत ने कहा कि हर कोई महात्मा गांधी नहीं होता   
जस्टिस गवई ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल कर अपने आप को फायदा नहीं पहुंचा सकता। कुंभकोणी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपना फ्लैट लौटा देता है तो फिर वह किसी सरकारी योजना के तहत दूसरे फ्लैट के लिए आवेदन दे सकता है। अदालत सामाजिक कार्यकर्ता केतन तिरोडकर की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीशों के लिए ओशिवारा उपनगर में ऊंची आवासीय इमारत का निर्माण करने के राज्य सरकार के फैसले पर सवाल उठाया गया है। अदालत ने इस याचिका पर आदेश पारित करने के लिए जून की तारीख तय की है। तिरोडकर ने दलील दी कि मौजूदा न्यायाधीशों के अलावा सरकार उन न्यायाधीशों को भी फ्लैट आवंटित करती है जो बंबई उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हो चुके हैं या जो पहले वहां थे और बाद में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत कर दिए गए। 

Created On :   4 May 2018 2:16 PM GMT

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