आरोपियों को बचाने नहीं लगाई सही धारा, सस्पेंड हुआ हवलदार

To save the accused police did not put right section, suspended
आरोपियों को बचाने नहीं लगाई सही धारा, सस्पेंड हुआ हवलदार
आरोपियों को बचाने नहीं लगाई सही धारा, सस्पेंड हुआ हवलदार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरोपियों को बचाने का प्रयास करते हुए सही धारा नहीं लगाना वाड़ी थाने के एक हवालदार को महंगा पड़ा। मामले में हवालदार को सस्पेंड कर दिया गया है। इस कार्रवाई से अन्य कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया।

हवलदार रवींद्र चांदेकर वाड़ी थाने में कार्यरत था। जनवरी-2018 में वाड़ी थाने में एक व्यापारी ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि, उसने प्लास्टिक के दानों से भरा ट्रक नागपुर से जलगांव भेजा था, लेकिन ट्रक चालक और क्लिनर ट्रक को जलगांव ले जाने की बजाय औरंगाबाद ले गया। वहां ट्रक चालक और क्लिनर ने अन्य 3-4 लोगों की मदद से माल का गबन किया। इसकी जांच हवलदार रवींद्र चांदेकर को सौंपी गई थी। प्रकरण धारा 420, 407, 34 के तहत दर्ज किया गया था। जांच में रवींद्र ने कुछ भी नहीं किया। इस बीच अप्रैल महीने में अपराध शाखा के दस्ते ने प्रकरण में लिप्त आरोपियों को गिरफ्तार कर वाड़ी पुलिस को सौंप दिया था।

उल्लेखनीय है कि जांच के दौरान अपराध शाखा का दस्ता औरंगाबाद, पुणे, नासिक ग्रामीण आदि स्थानों पर भी गया था। इस बीच प्रकरण के दस्तावेजों की पड़ताल जोन-1 के उपायुक्त कृष्णकांत उपाध्याय ने की। उन्हें दस्तावेजों में गड़बड़ी नजर आई। रवींद्र के बारे में उन्हें आरोपियों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से मदद किए जाने का भी पता चला। इसे लेकर लेन-देन होने की भी आशंका व्यक्त की जा रही थी।

दरअसल प्रकरण में धारा 411 लगाना अनिवार्य था, क्योंकि शिकायतकर्ता व्यापारी ने भरोसे के साथ माल ट्रक चालक और क्लिनर के सुपुर्द किया था, लेकिन आरोपियों ने उसके भरोसे को ठेंगा दिखा दिया। इस कारण इस प्रकरण में आरोपियों को सजा होने की भी संभावना थी। तीन वर्ष से अधिक की सजा और आर्थिक जुर्माने का प्रावधान होने के बावजूद रवींद्र ने प्रकरण में इस धारा का उपयोग नहीं किया। इस कारण उपायुक्त उपाध्याय ने रवींद्र को निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से अन्य पुलिस कर्मियों में दहशत व्याप्त है।
 
 

Created On :   5 Jun 2018 9:18 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story