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शहर के अिधकांश चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल बंद हालात में हैं
![Traffic intersections of most intersections of the city are in closed condition Traffic intersections of most intersections of the city are in closed condition](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2021/01/traffic-intersections-of-most-intersections-of-the-city-are-in-closed-condition_730X365.jpeg)
शहर के कई ट्रैफिक सिग्नलों पर काउंट डाउन टाइमर नदारद, धुआँ छोड़ते हैं सिग्नल पर खड़े वाहन
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर के ट्रैफिक सिग्नल बदहाली की कहानी बयाँ कर रहे हैं। आधुनिक स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल व्यवस्था में रेड अथवा ग्रीन लाइट की स्थिति में बदलने के शेष समय की जानकारी के लिए काउंट डाउन टाइमर की व्यवस्था का प्रावधान है, ताकि शेष समय में वाहन चालक वाहन बंद कर सकें और टाइमर की गिनती खत्म होने से पहले वाहन चालू कर सकें। इससे सिग्नल ग्रीन होने के इंतजार में इंजन चालू कर खड़े होने वाले वाहनों से हो रहे प्रदूषण में कमी आएगी।
शहर में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण सीपीसीबी ने शहर को नॉन अटेनमेंट सिटी घोषित किया है। एक आकलन के मुताबिक सिग्नल पर खड़े वाहनों से हर माह करोड़ों का ईंधन फुँक जाता है। सड़कों पर चलने के दौरान ऐसा लगता है मानो वाहनों का सैलाब आ गया हो। वर्तमान में तकरीबन 12 लाख वाहन जिलेे भर में पंजीकृत हैं। सामान्य दिनों में रोजाना 5 लाख वाहन सड़कों पर दौड़ते हैं, लेकिन जब ये वाहन सिग्नल पर रुकते हैं तब काउंट डाउन टाइमर न होने के कारण चालक इंजन बंद नहीं करते, इससे वातावरण में प्रदूषण फैलता है।
ऐसे फैलता है प्रदूषण
सामान्यत: शहर के ट्रैफिक सिग्नल 30 सेंकड के लिए ग्रीन होते हैं और 90 सेकंड तक रेड रहते हैं। इस दौरान सिग्नल पर खड़ा वाहन चालक जब सिग्नल के ग्रीन होने का इंतजार करता है तब वाहन में ब्रेक लगाते हुए उसे रेस देता रहता है। इससे वाहन के इंजन से लगातार धुआँ निकलता रहता है। 10 से 15 साल पुराने कंडम वाहन भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं, इसमें मेट्रो बसें, डीजल से चलने वाले ऑटो, पुराने अनफिट वाहनों की भूमिका मुख्य है। यदि सिग्नलों पर टाइमर रहेगा तो हर चौराहे पर सिग्नल के इंतजार में खड़े लोग अपने वाहन स्वत: ही बंद कर देंगे।
ऐसे होने चाहिए ट्रैफिक सिग्नल
* पैडेस्ट्रियन सिग्नल होना चाहिए, ताकि पैदल चलने वाले राहत महसूस कर सकें।
* सिग्नलों पर व्हीकल डिटेक्टर लगाए जाने चाहिए जिससे दबाव के मुताबिक सिग्नल खुद सेट हो जाए।
* यलो लाइट हर सिग्नल पर आनी चाहिए, ताकि चालक को सिग्नल ग्रीन होने की जानकारी लगे।
* धुँधली हो चुकी जेब्रा क्रॉसिंग की समय-समय पर पुताई होनी चाहिए, जिससे वो दिखाई दें।
Created On :   25 Jan 2021 8:39 AM GMT