बाघ व तेंदुए को काबू में करने के लिए सुरक्षा गार्ड को दी गई ट्रेनिंग

Training given to security guards to control tigers and leopards
बाघ व तेंदुए को काबू में करने के लिए सुरक्षा गार्ड को दी गई ट्रेनिंग
बाघ व तेंदुए को काबू में करने के लिए सुरक्षा गार्ड को दी गई ट्रेनिंग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ के फारेस्ट रेंज में विचरण करते बाघ व तेंदुए आक्रामक होकर आए दिन लोगों पर हमला करने लगे हैं। पानी या खाने की तलाश में गांवों की ओर रूख करने वाले बाघ या तेंदुए को कैसे काबू में किया जाए या आपात परिस्थिति में कैसे निपटा जाए,  इसके लिए पेंच, ताड़ोबा के सुरक्षा गार्डों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है।  यह चार दिवसीय ट्रेनिंग स्टेट टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स ने दिया है। गांवों में अचानक वन्यप्राणी घुसने के बाद गांववासियों में फैलने वाली दहशत को कम करने के उद्देश्य से यह ट्रेनिंग दी गई है।

इन जंगलों से सटकर बड़ी संख्या में बसे हैं गांव 
उल्लेखनीय है कि विदर्भ में पेंच, ताड़ोबा, मेलघाट, सह्याद्री बोर, नवेगांव-नागझिरा का फारेस्ट रेंज बहुत ही व्यापक है और यहां बाघ व तेंदुओं के अलावा अन्य वन्यप्राणी भी बड़ी संख्या में हैं। इन वनक्षेत्रों के आस-पास बड़ी संख्या में गांव बसे हैं। कई बार विशेषकर गर्मी में पानी की तलाश में बाघ, तेंदुआ या अन्य वन्यजीव गांव में घुस जाते हैं जिससे गांववासियों में दहशत फैल जाती है। वन सुरक्षा गार्ड को जानकारी देने के बाद भी उपाय योजना के अभाव के चलते स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया जाता था। इसके कई बार गंभीर परिणाम भी सामने आए हैं। कई बार लोग वन्यजीव को खतरा समझते हुए पत्थर-लाठी आदि से मार देते हैं। इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए यह प्रशिक्षण दिया गया है । 

पेंच व ताड़ोबा में हैं सर्वाधिक वन्यजीव 
ट्रेनिंग में आपातकालीन स्थिति में किस तरह लोगों को शांत रखा जाए, जानवर को किस तरह काबू में किया जाए और किस तरह उसे पकड़ा जाए आदि की ट्रेनिंग पेंच व ताड़ोबा के सुरक्षा गार्डों को दी गई है। इन्हें ट्रेनिंग देने से आने वाले समय में बाघ व तेंदुओं के हमले से होने वाली घटनाओं पर अंकुश लगने की संभावना वनविभाग के अधिकारियों ने जताई है।

Created On :   16 April 2018 1:21 PM IST

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