नागपुर-मुंबई रेल मार्ग पर क्षमता से ज्यादा दौड़ रहीं गाड़ियां

Trains running beyond capacity on Nagpur-Mumbai rail route
नागपुर-मुंबई रेल मार्ग पर क्षमता से ज्यादा दौड़ रहीं गाड़ियां
भार नागपुर-मुंबई रेल मार्ग पर क्षमता से ज्यादा दौड़ रहीं गाड़ियां

डिजिटल डेस्क, नागपुर. नागपुर-मुंबई रेल मार्ग पर वर्षों से गाड़ियों का भार क्षमता से ज्यादा है। त्योहारों के साथ समर, विंटर स्पेशल ट्रेनों का भी बोझ इसी लाइन पर पड़ रहा है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ट्रेनों का भार कम करने के लिए थर्ड लाइन बनाई जा रही है, लेकिन वर्षों से काम होने के बाद भी अब तक यह साकार नहीं हो पाई है।रेलवे स्टेशन महत्वपूर्ण जंक्शन है। यहां से तीन लाइनें जुड़ती हैं, जिसमें दिल्ली, मुंबई व हावड़ा लाइन शामिल हैं। रोजाना यहां विभिन्न दिशाओं में 125 से ज्यादा एक्सप्रेस गाड़ियां और 250 के करीब मालगाड़ियां चलाई जाती हैं। जानकारों की मानें, तो किसी भी लाइन पर क्षमता से ज्यादा गाड़ियों का परिचालन गाड़ियों की समयबद्धता प्रभावित करने के साथ दुर्घटना का कारण भी बन सकता है। बावजूद मुंबई लाइन पर नागपुर से वर्धा तक क्षमता से ज्यादा गाड़ियां चलाई जा रही हैं। इन दिनों यात्रियों की सुविधा के लिए विंटर स्पेशल गाड़ियां भी चलाई जा रही हैं। इसमें नागपुर-मुंबई, नागपुर-पुणे स्पेशल गाड़ियां शामिल हैं।

63 की जगह 70 गाड़ियां दौड़ रहीं है

नागपुर मंडल अंतर्गत नागपुर से सेवाग्राम तक एक ही रेलवे मार्ग है, जिसमें अप व डाउन की लाइनें बनी हैं। ऐसे में होशंगाबाद से आने वाली गाड़ी को हैदराबाद के लिए जाना हो या फिर भुसावल के लिए जाना हो, यह गाड़ी नागपुर-सेवाग्राम से होकर ही गुजरती है। उसी प्रकार भुसावल व हैदराबाद से आने वाली गाड़ियों को सेवाग्राम-नागपुर क्रास कर ही होशंगाबाद के लिए पहुंचना संभव होता है। इससे इस सेक्शन के बीच गाड़ियों की संख्या बढ़ जाती है। क्षमता अनुसार अप लाइन से कुल 63 गाड़ियों का आवागमन होना चाहिए, लेकिन यहां से रोजाना 70 से ज्यादा गाड़ियां दौड़ रही हैं, साथ ही डाउन लाइन से 63 गाड़ियों की जगह 70 के करीब गाड़ियां रोजाना चल रही हैं।
तकनीकी खामी आ सकती है

नागपुर से सेवाग्राम तक व्यस्त लाइन है। इस पर क्षमता से ज्यादा गाड़ियां चलती हैं। ऐसे में तकनीकी खामी आ सकती है।

ए.के. झा, मंडल सचिव, 
एनआरएमयू नागपुर
पटरी की लाइफ कम होती है

किसी रेल पटरी पर क्षमता से अधिक गाड़ियों के चलने से रेल पटरी की लाइफ कम होती है। उसे समय रहते बदल दिया जाता है, जिससे दुर्घटना की आशंका नहीं रहती है। थर्ड लाइन का कुछ काम हुआ है, जिस पर से गाड़ियां चलाई जा रही हैं। जल्द ही थर्ड लाइन का उपयोग पूरी तरह से किया जाएगा।

विजय थूल, एसीएम,
 मध्य रेलवे नागपुर मंडल
 

 

Created On :   25 Dec 2022 5:37 PM IST

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