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मांजे से घायल होने वाले पक्षियों का इलाज करने के लिए ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर तैयार

डिजिटल डेस्क, नागपुर । मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान मांजे से उलझकर पक्षियों के घायल होने की घटनाएं होती हैं। इसे देखते हुए वन विभाग ने घायल पक्षियों काे रेस्क्यू करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इसके लिए सेमिनरी हिल्स का ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर भी तैयार है, जहां घायल पक्षियों का विशेषज्ञों की देख-रेख में इलाज कर पक्षियों को खुले आसमान में छोड़ा जाएगा।
मकर संक्रांति पर होती है पतंगबाजी
प्रतिवर्ष संक्रांति पर बड़े पैमाने पर पतंगबाजी होती है। पतंग कटने के बाद मांजे सहित पेड़ों पर अटक जाती हैं। पतंग समय के साथ-साथ नष्ट हो जाती है, लेकिन इसमें लगा नायलॉन का मांजा नष्ट नहीं होता है। इसमें कई बार पक्षी फंसकर घायल हो जाते हैं। ऐसी अवस्था में पाए जाने वाले पक्षियों को रेस्क्यू कर उनका इलाज कराने के लिए वन विभाग टीटीए (ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर) के दूरभाष क्र.-0712-2515306 संपर्क कर घटना की जानकारी दी जा सकती है। उपचार केन्द्र 24 घंटे सेवा के लिए तैयार रहेंगे। हालांकि, कुछ लोगों द्वारा एेसे पक्षियों का इलाज निजी तौर पर कराया जाता है, जिससे नियमों की अवहेलना होती है। ऐसे में वन विभाग ने ऐसा न करते हुए घायल पक्षी के बारे में जानकारी ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर को देेने की अपील की है।
प्रतिबंधित नायलॉन मांजा जब्त
लकड़गंज पुलिस ने लकड़ापुल चौक के पास सार्वजनिक स्थान पर छापा मारकर एक व्यक्ति को प्रतिबंधित नायलॉन मांजे की बिक्री करते हुए रंगेहाथ धरदबोचा। उससे नायलॉन मांजा और चक्री जब्त किया गया है। आरोपी अमित नागोराव पौनीकर (30), इतवारी स्थित खापरे मोहल्ला निवासी है। दोपहर 3.30 बजे के करीब अमित ने लकड़ापुल चौक के पास एक धार्मिक स्थल के सामने पतंग ऐर मांजा बिक्री करने की दुकान लगाई। पुलिस को खबर मिली किस अमित नायलॉन मांजे की बिक्री कर रहा है। पुलिस ने दुकान में छापा मारकर 50 नग चक्री नायलॉन मांजा जब्त किया। मांजे की अनुमानित कीमत 25 हजार रुपए है।
Created On :   4 Jan 2020 2:31 PM IST