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मोबाइल टार्च की रोशनी में करना पड़ा घायल का इलाज, अस्पताल के हाल बेहाल

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। उमरेठ के ग्राम नौलाखापा में गुरुवार दोपहर एक बच्चे पर जंगली सुअर ने हमला कर दिया। हमले में बच्चे के पेट से आंते बाहर आ गई थी। हालत गंभीर होने पर प्राथमिक इलाज के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। 108 एम्बुलेंस से बच्चे को जिला अस्पताल लाया गया। यहां बिजली बंद थी। मोबाइल टार्च की रोशनी में इमरजेंसी ड्यूटी डॉक्टर ने इलाज किया। हालत नाजुक होने पर बच्चे को ऑपरेशन थिएटर लाया गया। बिजली बंद होने की वजह से यहां भी इलाज के लिए बच्चे को 20 मिनट से अधिक इंतजार करना पड़ा। बिजली आने के बाद डॉ. एनआर ढाकरिया ने बच्चे का इलाज किया। बाद में उसे नागपुर रेफर कर दिया गया।
घायल 15 वर्षीय आर्यन पिता नरेश परतेती की मां आशवती ने बताया कि गुरुवार दोपहर लगभग तीन बजे आर्यन बकरी चराने घर से लगे जंगल में गया था। यहां जंगली सुअर ने उस पर हमला कर दिया। इस हमले में आर्यन के पेट और पैर में गंभीर चोटें आई है। सूचना देने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे। बाद में 108 एम्बुलेंस द्वारा बच्चे को अस्पताल लाया गया। एम्बुलेंस पायलट और ईएमटी संतोष पवार आर्यन को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे।
जंगल से स्वयं ही घर आ गया बच्चा
जंगली सुअर के हमले में घायल आर्यन के पेट से आंते बाहर आ चुकी थी, पैर पर भी गहरे घाव लगे हुए थे। इसके बाद भी आर्यन हिम्मत नहीं हारा और भागते हुए घर आ गया। घर आकर उसने मां और पिता को अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी।
जनरेटर दम तोड़ चुके, प्रबंधन को सुध नहीं
जिला अस्पताल में 12 जनरेटर लगाए गए हैं, इनमें से मेंटेनेंस के अभाव में 11 जनरेटर बंद पड़े हैं। किसी जनरेटर में चार्जिंग सिस्टम नहीं है तो किसी में बैटरी की समस्या बनी हुई है। गुरुवार शाम बिजली आपूर्ति ठप होने पर एसएनसीयू का जनरेटर छोड़ सभी जनरेटर बंद थे।
टार्च की रोशनी में डॉक्टरों ने लिया राउंड
अस्पताल के हालात यह है कि महज बीस मिनट बिजली आपूर्ति बंद होने से इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित हो गईं। लगभग 6.15 बजे आपूर्ति बंद होने से वार्ड में राउंड ले रहे डॉक्टरों को अपने मोबाइल के टार्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ा।
जंपर बदलने के लिए बंद की थी बिजली
बिजली कंपनी के शहर संभाग के डीई योगेश उईके ने बताया कि जिला अस्पताल में लगे ट्रांसफार्मर का जम्पर में स्पार्क हो रहा था। इस वजह से 20 मिनट के लिए अस्पताल की बिजली आपूर्ति बंद की गई थी। प्रबंधन को इसकी पूर्व सूचना दी गई थी। जम्पर बदलने में लगभग 20 मिनट का समय लगा। मेंटेनेंस कर समय पर बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई थी।
क्या कहते हैं अधिकारी
बैटरी और चार्जिंग सिस्टम की वजह से जनरेटर शुरू नहीं हो पाए। प्रबंधन द्वारा जनरेटरों का मेंटेनेंस कार्य कराया जाएगा। ताकि मरीजों के इलाज में बिजली कटौती बाधा न बन सके।
डॉ.सुशील दुबे, आरएमओ, जिला अस्पताल

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Created On :   11 May 2018 1:12 PM IST