एक युग बीत गया सुंदर वाक्य पढ़ते-पढ़ते

Tribute program - an era has passed while reading beautiful sentences
एक युग बीत गया सुंदर वाक्य पढ़ते-पढ़ते
श्रद्धांजलि कार्यक्रम एक युग बीत गया सुंदर वाक्य पढ़ते-पढ़ते

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वर्गीय उषा मिश्रा (मिश्रा टीचर) की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में देश के अलग-अलग शहरों से पधारे कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम का आयोजन परवाना भवन में किया गया। शुरुआत दीप प्रज्वलित और उषा मिश्रा को श्रद्धांजलि देकर की गई। इस अवसर पर प्रास्ताविक रखते हुए प्रियंवदा अय्यर ने उषा मिश्रा की जीवनी पर प्रकाश डाला। उन्होंने उषा मिश्रा को समर्पित एक कविता का पठन किया। उन्होंने बताया कि उषा जी सामाजिक कार्यकर्ता, कम्युनिस्ट पार्टी की कार्यकर्ता होने के साथ ही एक जुझारू महिला थीं। उन्होंने हर क्षेत्र में आगे बढ़कर नेतृत्व किया। शिक्षा समेत अन्य सामाजिक मुद्दों को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभायी।

गिनतियां खोखली होती हैं

कार्यक्रम में दिल्ली से पधारे जुबेर सैफी ने अपनी रचनाएं ‘गिनतियां खोखली होती हैं... प्रस्तुत की। दिल्ली की मुदिता रस्तोगी ने प्रेम पर आधारित गजल सुनाई। दिल्ली के नईम सरमद ने ‘किताब बोलती रही’ और अन्य रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं का दिल जीता। दिल्ली से पधारे कवि अविनाश मिश्रा ने ‘एक युग बीत गया सुंदर वाक्य पढ़ते-पढ़ते’ कविता सुनाई। जयपुर से पधारे कवि बकुल देव ने अपनी रचनाएं सुनाकर श्रोताओं का दिल जीता। ग्वालियर के कवि रचित दीक्षित ने संचालन के साथ ही अपनी रचनाएं सुनाई। उन्होंने आत्मनिर्भर नागरिक और मन की बात विषय पर समसामायिक कविता सुनाई। कार्यक्रम का आयोजन आर. एन. मिश्रा परिवार ने और संयोजन प्रियंवदा अय्यर ने किया।

 

Created On :   10 April 2022 5:39 PM IST

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