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मां उमिया औद्योगिक वसाहत मर्यादित की परेशानी बढ़ी, हटेगा अतिक्रमण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मामले में मां उमिया औद्योगिक वसाहत मर्यादित, नागपुर की परेशानी बढ़ गई है। उमिया का अतिक्रमण हटाने से संबंधित याचिका को अपर आयुक्त नागपुर विभाग के न्यायालय ने मंजूर किया है। मौदा उपविभागीय अधिकारी द्वारा दिए गए स्टे को रद्द कर दिया गया है। लंबे समय से यह मामला लंबित है। उमिया की टेक्सटाइल कंपनी के लिए एक बैंक से करोड़ों का लोन लिया गया है। कार्रवाई होने की स्थिति में बैंक को भी झटका लग सकता है। 3 अप्रैल को जारी आदेश पर फिलहाल कोई अमल नहीं हुआ है।
अपर आयुक्त का आदेश
3 अप्रैल के आदेश में अपर आयुक्त ने कहा है कि झुड़पी जंगल सार्वजनिक चराई के लिए मुकर्रर जमीन से अतिक्रमण हटाने के संबंध में ग्राम पंचायत ने अनुमति मांगी है। ग्राम पंचायत को अनुमति देना आवश्यक है। लिहाजा मौदा के उपविभागीय अधिकारी के आदेश को रद्द कर अपीलार्थी की अपील मंजूर करना न्योचित है।
यह है मामला
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत तरोडी बुज के सचिव व सरपंच ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था कि तरोडी बुज की स.क्र 88 आराजी 1.64 हे.आर में से 2312 वर्गमीटर पर अध्यक्ष, मां उमिया औद्योगिक वसाहत मर्यादित कापसी बु. ने अतिक्रमण किया है। 4 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण के इस मामले में जिलाधिकारी, नागपुर ने 13 जनवरी 2015 को कार्रवाई के आदेश उपविभागीय अधिकारी को दिए थे। मौदा के उपविभागीय अधिकारी ने जांच की, तब मामला और भी उलझ गया। उपविभागीय अधिकारी ने रिपोर्ट में तकनीकी विषयों का जिक्र करते हुए उमिया के निर्माण कार्य को कायम रखने के लिए कहा। तब उपविभागीय अधिकारी व अन्य के विरोध में अपील की गई। ग्राम पंचायत के सहयोग में देवचंद कारेमोरे ने अपील की। दीवानी न्यायालय में भी यह मामला पहुंचा। उमिया टेक्सटाइल्स के संचालक जीवराज पटेल ने अपीलकर्ता के बारे में बताया कि उनका इस मामले से कोई संबंध ही नहीं है। जिस जमीन पर अतिक्रमण बताया जा रहा है, उसके मालिक अपीलकर्ता नहीं हैं। लिहाजा इस मामले की सुनवाई चलती रही।
Created On :   16 April 2019 12:46 PM IST